वानस्पतिक खेती कर अगर पैसा कमाना चाहते हैं, तो तुलसी का पौधा आपके लिए सहायक हो सकता है. आमतौर पर हर घर में पाई जाने वाली तुलसी का महत्व लोग धार्मिक या सांस्कृतिक रूप से ही समझते हैं, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी ये पौधा मुनाफा देने वाला है. चलिए आपको इसकी खेती के बारे में बताते हैं.
तुलसी एक घरेलू पौधा है
तुलसी को कई नामों से जाना जाता है, लेकिन इसका साइंटिफिक नाम ओसिमम सैंकशम है और इसे घरेलू पौधो की श्रेणी में रखा गया है. भारत में इसका उत्पादन व्यापक स्तर पर होता है, लेकिन व्यापारिक दृष्टिकोण से इसे कम ही लोग उगाते हैं.
औषधीय गुणों से भरपूर है तुलसी
खराब जीवों और विषाणुओं को रोकने में तुलसी असरदार है. कई शोधों में ये दावा भी हुआ है कि हवा को शुद्ध करने में भी तुलसी सहायक है. इसके अलावा तनाव, बुखार, सूजन आदि की बीमारियों के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है.
मिट्टी
वैसे तो इसकी खेती हर तरह की मिट्टी में हो सकती है, लेकिन अच्छे पैदावार के लिए नमकीन, क्षारीय भूमि उत्तम है.
खेती की तैयारी
बिजाई से पहले खेतों की अच्छे से जुताई कर भूमि को भुरभुरा बना लें. जरूरत हो तो खाद का उपयोग करें, वैसे इसे विशेष खाद की जरूरत नहीं होती है.
ये खबर भी पढ़े: आपको एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए, जानने के लिए पढ़ें ये खबर
बिजाई
बिजाई के लिए 4.5 x 1.0 x 0.2 मीटर का सीड बैड तैयार करना फायदेमंद है. बीजों को 60x60 सैं.मी. के अंतर पर 2 सैं.मी की गहराई में बोयें.
खरपतवारों को दूर करें
खरपतवारों को दूर करने के लिए निड़ाई-गुड़ाई करें. रोपण के एक महीने बाद पहली गुड़ाई करना जरूरी है.
सिंचाई
गर्मियों में हर सप्ताह में एक सिंचाई जरूरी है. वर्षा के दिनों में विशेष सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. इसी तरह
कीट और रोकथाम
तुलसी के पौधों को सबसे अधिक नुकसान पत्ता लपेट सुंडी वाले कीट से होता है. यह सुंडिया पत्तों, कली और फसल को अपनी चपेट में लेकर उसे खा जाती है.
इसकी रोकथाम के लिए जैवीक कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा आप कुइनल्फोस का भी उपयोग कर सकते हैं.
फसल की कटाई
रोपण के तीन महीने के बाद तुलसी की कटाई कर सकते हैं. उपज का उपयोग आप कई कामों के लिए कर सकते हैं, जैसे तेल की प्राप्ति के लिए, दवाईयों के निर्माण के लिए, माला एवं सजावटी सामान बनाने के लिए. बाजार में तुलसी की अच्छी मांग है.
(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)