Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 October, 2019 3:33 PM IST

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के अलावा नर्मदापुरम संभाग में तोतापरी आम की काफी पैदावार होगी. दरअसल प्रदेश सरकार के फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए इस किस्म के पौधे लगवाने का फैसला लिया है. सर्वाधिक 500 एकड़ पेड़ बैतूल में रोपे जाएंगे जबकि हरदा-होशंगाबाद में 250-250 एकड़ में इसकी खेती कराई जाएगी. इसके लिए सरकार चयनित किसान को पहले साल में 43 हजार 200 रूपए प्रति एकड़ के मान से अनुदान भी देगी. इसके लिए किसान उद्यानिकी विभाग से अधिक जानकारी को प्राप्त कर सकता है. बता दें कि इससे पहले होशंगाबाद जिले के बाबई का आम प्रसिद्ध हो चुका है. यहां पर पौध रोपण के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धति के माध्यम से  सिंचाई की व्यवस्था करनी होगी.

तोतापरी आम का रोपण होगा

यहां के हरदा और होशांगाबाद जिले में एक हजार एकड़ में तोतापरी किस्म के पौधे का रोपण किया जाएगा. इसके तहत पहले साल के लिए 4.32 करोड़ रूपए के अनुदान को मंजूर किया जाएगा. दूसरे और तीसरे साल में सिर्फ मेंटेनेंस राशि मिलेगी. होशांगाबाद और हरदा जिले में 1.08 करोड़ रूपए, जबकि बैतूल में 2.16 करोड़  रूपए का भी अनुदान मिलेगा. यहां पर पंजीयन ऑनलाइन करवाना होगा. साथ ही योजना के क्रियान्वय के लिए सरकार ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है. बाद में विभाग ने भी किसानों को जोड़ने के लिए कार्ययोजना बनाई है. तोतापरी आम का उत्पादन बैतूल जिले में अभी बेहद कम मात्रा में होता है.

कल्सटर बनाकर होगा किसानों का चयन

किसान यहां पर तय दरों पर पौधे खरीद करेंगे. अगर कोई किसान पौधों की व्यवस्था करने में असमर्थ रहेगा, तो उद्यानिकी विभाग एमपी एग्रो के माध्यम से पौधे खरीदकर देगा. पौधे के मूल्य को भौतिक सत्यापन के बाद अनुदान राशि में समाहित किया जाएगा. इस योजना में किसानों का चयन क्लस्टर बनाकर किया जाएगा. चयनित किया गया है. चयनित किसानों को कम से कम एक एकड़ और अधिकतम 5 एकड़ की सीमा तक एक बार या टुकड़ों में योजना का लाभ लेने की पात्रता होगी.

English Summary: Totapari mango will be born in this district of Madhya Pradesh
Published on: 11 October 2019, 03:39 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now