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Updated on: 19 November, 2023 11:31 AM IST
गेहूं की इन टॉप बायो फोर्टिफाइड किस्मों से किसान को मिलेगा डबल मुनाफा (Image Source: Pinterest)

Wheat Varieties: गेहूं की फसल से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को इनकी नवीनतम उच्च उपज देने वाली किस्में का चयन करना चाहिए. इसी क्रम में आज हम देश के किसानों के लिए गेहूं की बायो फोर्टिफाइड किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जो कम लागत और कम समय में अधिक पैदावार देने में सक्षम है. दरअसल, जिन किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह PBW 872, Pusa Ojaswi (HI 1650), Karan Vrinda (DBW 371, Karan Varuna (DBW 372) और Unnat (HD 2967) (HD 3406) है. ये सभी किस्में 117 से 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और वहीं ये किस्में प्रति हेक्टेयर 76 क्विंटल तक उपज देती हैं.

बता दें कि गेहूं की ये बायो फोर्टिफाइड किस्में/Bio Fortified Varieties पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और अन्य कई राज्यों के लिए उपयुक्त मानी जाती है.ऐसे में आइए गेहूं की इन उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

गेहूं की टॉप पांच बायो फोर्टिफाइड किस्में/ Top Five Bio-Fortified Varieties of Wheat-

गेहूं की PBW 872 किस्म- गेहूं की यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं. यह किस्म 152 दिनों में पक जाती है. किसाम गेहूं की PBW 872 किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 75 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. गेहूं की इस किस्म में बायोफोर्टिफाइड गुण आयरन 42.3 पीपीएम, जिंक 40.7 पीपीएम पाए जाते हैं.

गेहूं की Pusa Ojaswi (HI 1650) किस्म-  गेहूं की इस बायो फोर्टिफाइड किस्म में जिंक 42.7 पीपीएम पाये जाते हैं. यह किस्म मप्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान और उत्तरप्रदेश क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होती है. गेहूं की यह किस्म 117 दिनों में पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है. किसान इस किस्म से लगभग 57 क्विंटल/हेक्टेयर तक पैदावार पा सकते हैं.

गेहूं की Karan Vrinda (DBW 371) किस्म- गेहूं की इस बायो फोर्टिफाइड किस्म करण वृंदा (DBW 371) किस्म में प्रोटीन 12.2%, आयरन 44.9 पीपीएम मौजूद होता है. यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्रों के लिए काफी उपयुक्त होती है. गेहूं की यह किस्म 150 दिन में तैयार हो जाती है और वहीं, देश के किसान इससे लगभग 76 क्विंटल/हेक्टेयर उपज प्राप्त कर सकते हैं.

गेहूं की Karan Varuna (DBW 372) किस्म- गेहूं की इस किस्म में प्रोटीन 12.2%, जिंक 40.8ppm पाया जाता है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के किसानों के लिए उपयुक्त है. गेहूं की यह बायो फोर्टिफाइड किस्म 151 दिन में पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है और किसान इस किस्म से प्रति हेक्टेयर करीब 75 क्विंटल तक उपज पा सकते हैं.

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गेहूं की Unnat (HD 2967) (HD 3406) किस्म- गेहूं की यह उन्नत (एचडी 2967) (एचडी 3406) किस्म 146 दिनों में पककर बाजार में  बिकने के लिए तैयार हो जाती है. किसान इस किस्म से आसानी से प्रति हेक्टेयर 55 क्विंटल तक उपज पा सकता है. इस किस्म में प्रोटीन 12.25 प्रतिशत तक पाया जाता है.

English Summary: top five bio-fortified varieties of wheat are PBW 872 Pusa Ojaswi HI 1650 Karan Vrinda DBW 371 Karan Varuna DBW 372 and Unnat HD 2967 HD 3406 will give yield of 76 quintals per hectare
Published on: 19 November 2023, 11:35 AM IST

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