भारत में मानसून के दस्तक देते ही किसानों की उम्मीदें भी हरी हो जाती हैं. खेतों में हरियाली लाने वाला यह मौसम खरीफ फसलों की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. जून से अक्टूबर तक चलने वाले खरीफ सीजन में अगर किसान सही फसल का चुनाव करें, तो अच्छी पैदावार के साथ बढ़िया आमदनी भी कमा सकते हैं. आज हम आपको 5 ऐसी प्रमुख खरीफ फसलों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है और जो किसानों की कमाई को दोगुना कर सकती हैं.
1. धान की खेती (Rice Cultivation)
धान को खरीफ फसलों का राजा कहा जाता है. भारत के अधिकतर हिस्सों में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में. देश ही नहीं, विदेशों में भी बासमती चावल की जबरदस्त मांग रहती है.
अगर किसान हाईब्रिड बीज और आधुनिक तकनीक अपनाएं, तो प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल तक उत्पादन आसानी से हो सकता है. बासमती धान की किस्में जैसे पूसा 1121 और 1509 किसानों को ₹50,000 से ₹80,000 तक प्रति एकड़ कमाई दे सकती हैं.
2. मक्का की खेती (Maize Cultivation)
मक्का एक ऐसी फसल है जो कम पानी में भी बेहतर उत्पादन देती है. यह सूखे इलाकों के लिए आदर्श है. पशु चारा, फूड प्रोसेसिंग और बायोफ्यूल उद्योग में मक्का की मांग लगातार बनी हुई है. बिहार, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं. मक्का की खेती में कम लागत लगती है और प्रति एकड़ 30,000 से 60,000 रुपए तक की आमदनी हो सकती है.
3. सोयाबीन की खेती (Soybean Cultivation)
सोयाबीन को ‘सोने की फसल’ भी कहा जाता है क्योंकि यह बहुउपयोगी है. इसका इस्तेमाल सोया तेल, सोया पनीर, सोया दूध और पशु चारे में किया जाता है. मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के किसान इसे बड़े पैमाने पर उगाते हैं. अच्छी देखभाल और उचित मौसम में सोयाबीन प्रति एकड़ 40,000 से 70,000 रुपए तक का मुनाफा दिला सकती है.
4. मिर्च की खेती (Chilli Cultivation)
भारत के रसोईघर से लेकर विदेशों तक, भारतीय मिर्च की मांग हमेशा बनी रहती है. यह फसल ताजी और सूखी दोनों ही तरह से बेची जाती है. आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में मिर्च की खेती अधिक होती है. यदि किसान अच्छी किस्में और आधुनिक तरीके अपनाएं, तो प्रति एकड़ 60,000 से 1,20,000 रुपए तक की कमाई संभव है. अगर सूखी मिर्च प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाए, तो कमाई और भी ज्यादा हो सकती है.
5. भिंडी की खेती (Ladyfinger Cultivation)
भिंडी एक ऐसी हरी सब्जी है जिसकी मांग शहरी बाजारों में हमेशा बनी रहती है. यह जल्दी तैयार हो जाती है – महज 45 से 50 दिनों में. इसका फायदा यह है कि किसान इसे जल्दी बेचकर नई फसल की तैयारी कर सकते हैं. यदि भिंडी को मंडी में या खुदरा बाजार में बेचा जाए, तो प्रति एकड़ 1 लाख रुपए तक की कमाई संभव है.