आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसका सेवन हर एक मौसम में किया जाता है. आलू को ख़ास प्रकार की सब्जियों में गिना जाता है. वहीं, आप आलू की सब्जी किसी भी सब्जी के साथ बनाकर खा सकते हैं. आलू की खेती मुख्य रूप से भारत के उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा एवं असम आदि राज्यों में की जाती है. वहीं बात करें विश्व की तो आलू के उत्पादन में भारत तीसरे स्थान पर आता है.
बता दें कि केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान ने आलू की 10 उन्नत किस्में विकसित किया है जोकि अधिक पैदावार देती हैं. ऐसे में आइये आज हम आपको आलू की उन 10 उन्नत किस्मों के बारे में बताते हैं, जिनसे आपको अधिक उपज के साथ-साथ अधिक मुनाफ भी मिलेगा-
कुफरी थार- 3 (Kufri Thar – 3)
आलू की यह किस्म की खेती भारत के हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य में की जाती है. आलू की इस किस्म से 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. आलू की यह किस्म की खेती पहाड़ों एवं गंगा तट के किनारे पाए जाने वाले मैदानी क्षेत्र में अच्छी होती है.
कुफरी गंगा (Kufri Ganga)
आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. आलू की यह किस्म 80– 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है. वहीं आलू की यह किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले अच्छा पैदावार देती है.
कुफरी मोहन (Kufri Mohan)
आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म पर पाले का प्रभाव नही पड़ता है.
कुफरी नीलकंठ (Kufri Neelkanth)
आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. इस किस्म की खासियत यह है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. इस किस्म की खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ राज्य में की जाती है.
कुफरी पुखराज (Kufri Pukhraj)
आलू की यह किस्म सबसे लोकप्रिय किस्मों से एक है. भारत में इस किस्म की खेती सबसे ज्यादा गुजरात राज्य में की जाती है. इस किस्म से किसान 140-160 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म 90 – 100 दिन में तैयार हो जाती है.
कुफरी संगम (Kufri Sangam)
आलू की यह किस्म उत्तर प्रदेश , राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब राज्यों में की जाती है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह बहुत पौष्टिक होने के साथ – साथ स्वादिष्ट भी होती है. आलू की यह किस्म लगभग 100 दिनों में तैयार हो जाती है.
कुफरी ललित (Kufri Lalit)
आलू की इस किस्म से 300 – 350 क्विंटल पैदावार होती है. यह किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले अधिक पैदावार देती है. जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है.
कुफरी लिमा (Kufri Lima)
आलू की इस किस्म से 300 – 350 क्विंटल पैदावार होती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मौसम के ज्यादा या कम होने से प्रभावित नही होती.
कुफरी चिप्सोना-4 (Kufri Chipsona-4)
आलू की इस किस्म से किसान भाई 300 – 350 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में की जाती है.
कुफरी गरिम (Kufri Garim)
आलू की इस किस्म से किसान भाई 300 – 350 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में की जाती है. इस किस्म की सबस बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म का लम्बे समय तक भंडारण कर सकते हैं