IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित LPG Price Cut: महंगाई से बड़ी राहत! घट गए एलपीजी सिलेंडर के दाम, जानें नए रेट Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 26 March, 2019 5:26 PM IST

अगर हम टमाटर की बात करें तो यह भी और फसलों की तरह ही जमीन में उगती है. टमाटर की फसल को कुछ ही दिन में बोने से इससे आपको अच्छी फसल प्राप्त हो सकती है. कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ग्रीन हाउस में एक ऐसी तकनीक से फसल को तैयार किया है जो जमीन नहीं बल्कि लताओं यानी डालियों पर उगती है. ग्रीन हाउस में पैदा किए गए इस नए तरह के टमाटर में किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं है. इसके अलावा यह अन्य सामान्य टमाटरों की तरह ही सबसे अधिक टिकाऊ है. इस तरह के टमाटर में खराब होने की ही संभावना कम होती है.

वैज्ञानिकों ने दिया है विशेष नाम

दरअसल टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसे हर कोई पसंद करता है. आमतौर पर टमाटर के पौधे जमीन पर उगते हैं. लेकिन लताओं पर उगने वाले इस टमाटर की फसल को वैज्ञानिकों ने खड़ी फसल कहा है. सीएसए में तैयार टमाटर की यह प्रजाति लताओं वाली होती है. इस तने का हिस्सा मिट्टी के संपर्क में नहीं आता है. इसके बाद ऊपर की ओर यह फसल आठ से दस बारह फुट तक तार के सहारे फैल जाती है. जब इसका तना एक फुट का हो जाता है तब इसके बाद इसमें फूल निकलने लगते हैं और फसल आनी शुरू हो जाती है. इसकी तुड़ाई के लिए नीचे से सहारा लिया जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि टमाटर की फसल के लिए ग्रीन हाउस काफी बेहतर तकनीक है और इससे फसल को कीटों से बचाव भी मिलता है. इस फसल में जैविक खाद का प्रयोग किया गया है और यह रासायनिक खादों से पूरी तरह से सुरक्षित होती है. मिट्टी के संपर्क में फसल नहीं आती है और यह सभी चीजें फसलों को स्वस्थ बनाने का कार्य करती है.

कम जगह पर अधिक उत्पादन

इसका तापमान पूरी तरह से कंट्रोल रहता है. इसीलिए इस फसल पर तापमान के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता है. टमाटर भी समय से पकता है. आप इन पौधों से आठ महीने तक फसल ले सकते है. इसमें एक बार पॉली हाउस, नेट हाउस और पॉली हाउस को बनाकर फसल आसानी से ले सकते है. यह उत्पादन समान्य खेतों में होने वाली फसल से कई गुना ज्यादा है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि कम सिंचाई के कम साधन, कम रासायनिक खादों और कम स्थानों पर इसकी सुरक्षित फसल ले सकते हैं.

English Summary: Tomatoes are now grown on land no vendors
Published on: 26 March 2019, 05:32 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now