Success Story: किसानों की किस्मत बदल देगा राजाराम त्रिपाठी का यह सफल मॉडल, कम लागत में होगी करोड़ों की आमदनी! Coffee Growing Tips: कॉफी का पौधा इस तरह से लगाएं, मिलेगी 50 सालों तक पैदावार इस योजना के तहत 25000 पशुओं का होगा बीमा कवर, प्रीमियम राशि 49 रुपये, यहां जानें पूरी डिटेल खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 28 December, 2022 4:23 PM IST
अजवाइन की खेती

अजवाइन के पौधे के विकास के लिए सर्दी के मौसम की जरूरत होती है. यह एक रबी की फसल है और इसकी खेती के लिए अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती है. अजवाइन का उपयोग मसाले के साथ-साथ औषधी बनाने में भी किया जाता है. यह एक झाड़ीनुमा दिखने वाला पौधा हैजिसकी लम्बाई एक मीटर तक होती है. अजवाइन के दानों में कई तरह के खनिज तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभकारी होते हैं. अजवाइन पेट की समस्याएं जैसे की पेचिसबदहजमीहैजाकफऐंठन आदि रोगों के लिए काफी लाभदायक होता है. इसको गले में खराबीआवाज फटनेकान दर्दचर्म रोगदमा आदि रोगों की औषधि बनाने के लिए भी काम में उपयोग किया जाता है.

अजवाइन की खेती का तरीका-

जलवायु

अजवाइन की खेती के लिए सर्दी का समय उत्तम माना जाता है. अधिक सर्दी और पाला गिरने से फसल को नुकसान हो सकता है. हल्का शुष्क मौसम फसल के लिए काफी किफायती होता है. अजवाइन की बुआई बारिश के समय शुरू हो जाती है. सर्दी का मौसम आते-आते इसके पौधों में फूल आना शुरू हो जाते हैं. भारत के मुख्य राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, पंजाब, और पश्चिम बंगाल में इसकी खेती की जाती है.

खेत की तैयारी-

अजवाइन की खेती के लिए नरम और भुरभुरी मिट्टी की जरूरत होती है. जुताई से पहले कंपोस्ट खाद को मिट्टी में बिखेर दें और इसे खेत की मिट्टी में अच्छी तरह से जुताई कर मिला दें. जुताई से खेत में मौजूद खरपतवार भी नष्ट हो जाते हैं. ध्यान रखें कि खेत में पानी ना भरे और वहां पर जल निकासी की उचित व्यवस्था हो, जिससे फसल के खराब होने की आशंका ना बनी रहे.

खाद

खेत में वर्मी कंपोस्ट डालने के बाद नाइट्रोजन फिक्सेशन बैक्टीरिया, फास्फोरस बैक्टीरिया, पोटाश मोबेलाइज बैक्टीरिया का छिड़काव कर दें, जो मिट्टी में अपनी संख्या बढ़ा कर इन सारे पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है.

कटाई

अजवाइन की फसल को तैयार होने में 140 से 150 दिन लग जाते हैं. जब फसल का रंग हल्का भूरा होने लगे तो फसल की कटाई कर लेनी चाहिए. कटाई के बाद फसल को 2 से 4 दिन छांव में सुखाकर फिर डंडे से पीटकर या मशीन की सहायता से अजवाइन के दानों को अलग किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः मसाला खेती के इस प्रयोग से बढ़ेगी किसानों की आय, रोजगार में भी होगी बढ़ोतरी

पैदावार

अजवाइन की पैदावार सामान्य रुप से 6 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ होती है. इसकी बाजार में कीमत 15000 से 25000 प्रति क्विंटल होती है. जो आर किसान भाईयों के लिए एक अच्छी आमदनी का स्त्रोत हो सकता है.

English Summary: Thyme Cultivation and Management
Published on: 28 December 2022, 04:37 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now