किसानों की बोई फसल में अगर कोई कीट लग जाए, तो वह किसान की पूरी फसल को बर्बाद कर देता है. कृषि विशेषज्ञों की भी सलाह है कि फसलों पर कीटों का प्रभाव ज्यादा पड़ता है. ऐसे में किसानों को अगर अपनी खेती बचानी है, तो कीटों पर विशेष ध्यान देना होगा. वैसे किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए तमाम मोबाइल ऐप बनाए गए हैं, जिनके जरिए किसान खेती संबंधी समस्या का हल निकाल सकता है. इसी कड़ी में ऊष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान (टीएफआरआइ) ने फॉरेस्ट इंसेक्ट बेस्ड मैनेजमेंट मोबाइल ऐप तैयार किया है. इस ऐप से किसानों कीट प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी.
क्या है फॉरेस्ट इंसेक्ट बेस्ड मैनेजमेंट मोबाइल ऐप
अगर किसान की फसल पर किसी कीट का प्रकोप होता है, तो किसान इस ऐप द्वारा कीट की फोटो लेकर जल्द उस पर नियंत्रण का तरीका पता कर सकता है. इसके लिए किसान को बस उस कीट की फोटो लेकर ऐप पर अपलोड करना है. अगर वक्त रहते कीटों की रोकथाम नहीं की गई, तो इसका प्रकोप बढ़ जाएगा और किसान की मेहनत खराब हो जाएगी. बता दें कि इस ऐप द्वारा समेकित एकीकृत कीट नियंत्रण में जैविक और रासायनिक तरीके भी बताए जाते हैं. अगर किसान के फोन में यह मोबाइल ऐप होगा, तो वह अपनी फसल और पेड़-पौधों को बचा पाएगा.
कीट की फोटो अपलोड होते ही ऐप बताएगा नियंत्रण का तरीका
आपको बता दें कि टीएफआरआइ के एंटमोलॉजी ब्रांच ने नर्सरी, पौधारोपण और प्राकृतिक वनों में लगने वाले करीब 38 कीट प्रजातियों की जानकारी के लिए ऐप विकसित किया है. यह ऐप वन अधिकारी-कर्मचारी, शोधकर्ता और प्रगतिशील किसानों को काफी लाभ पहुंचाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि नर्सरी, पौधारोपण में जड़, पत्तियों और तना कुतरने वाले कीटों की प्रजाति होती है. इनमें बड़े पेड़ों को खोखला करने वाले कीट भी शामिल हैं. इन कीटों के प्रकोप से नर्सरी, पौधारोपण और पेड़-पौधे सूख जाते हैं. बताया जाता है कि यह ऐप मध्य भारत के जंगलों में कीट नियंत्रण के लिए सही तरीके बताता है. खासतैर पर यह मोबाइल ऐप जंगल के तीनों स्तर पर काम करता है. इसमें कीट की पहचान, उसके क्षति की प्रकृति, प्रभावित पौधों की प्रजाति, कीट का जीवन चक्र समेत उसके नियंत्रण की जानकारी देता है.
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