फसल के बचे अवशेषों को लेकर कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या करें और क्या नहीं STIHL कंपनी ने हरियाणा में कृषि जागरण की 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' के साथ की साझेदारी कृषि लागत में कितनी बढ़ोतरी हुई है? सरल शब्दों में जानिए खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 15 September, 2023 12:54 PM IST
permanent treatment from crop diseases

पौधों में हम पोषक तत्वों की कमी को तो पता कर लेते हैं और उससे सम्बंधित कमियों को भी पूरा कर देते हैं लेकिन यह कमियां जब हर बार की उत्पादित फसलों में आने लगें तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. और उनके उपचार को जड़ से ख़त्म करने का उपाय करना चाहिए. तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि अगर पौधों में रोग बार-बार हो रहा हैं तो उनका उपचार करने का क्या तरीका है. 

मृदा परीक्षण कराना है जरुरी

अपनी मिट्टी में पोषक तत्वों के बारे में पूरी जानकारी को हासिल करें. उसे लेकर प्रयोगशाला में भेजे और पूरी जानकारी के बाद ही भूमि के किसी तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति के संसाधनों का उपयोग करें.

पत्तियों के नमूने लेकर जांच को भेंजे

कुछ पौधों में किसी विशेष वायरस या रोग के कारण बार बार किसी कमी को प्रदर्शित करता है. इतना ही नहीं अगर कोई वायरस का रोग किसी पौधे में है तो आपको उसकी पत्तियों के नमूने को प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए ले जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- ऐसे समझें पौधों में पोषक तत्वों की कमी की पहचान

मृदा के Ph परीक्षण की करवाएं जांच

मिट्टी का पीएच पोषक तत्वों की उपलब्धता को प्रभावित करता है. यदि पीएच बहुत अधिक या बहुत कम है, तो यह पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करता है. इसलिए यह बहुत जरुरी है कि खेती से पूर्व आपको मृदा के ph मान की जांच करवा लेनी चाहिए.

वृद्धि और विकास पैटर्न

पौधे के विकास चरणों और पैटर्न को समझने से पोषक तत्वों की समस्याओं का ख़त्म करने में मदद मिल सकती है. शुरूआती वृद्धि के समय कुछ पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है. इसलिए आपको यह समझाना भी आवश्यक है कि आप किस समय पौधे में उर्वरक या अन्य संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं.

स्वस्थ और उत्पादक फसल को बनाए रखने के लिए फसलों में पोषक तत्वों की कमी की पहचान करना आवश्यक है. सामान्य लक्षणों को पहचानकर और मिट्टी परीक्षण के द्वारा आप यह पता लगा सकते हैं कि किस तत्व की कमी है और उसके बाद आप किसी भी तरह की उपचारात्मक जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं.

English Summary: This is how you can get permanent treatment from crop diseases
Published on: 15 September 2023, 01:00 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now