Best Paddy Variety:भारत में खरीफ की मुख्य फसलों में धान का अव्वल स्थान है. इसकी खेती उत्तरी से दक्षिणी प्रदेशों तक में मानसून में की जाती है. लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी है जहां धान का सीजन (Paddy Season) दो बार होता है. धान की खेती सिंचित और असिंचित दोनों प्रकार के क्षेत्रों में की जाती है. धान की खेती (Dhan Ki Kheti) छिड़काव और रोपाई विधि के साथ की जाती है. इसकी रोपाई विधि में धान का उत्पादन अधिक होता है. धान की कई ऐसी उन्नत किस्में (Paddy improved varieties) भारत में मौजूद है, जिनकी खेती करके किसान अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं.
आज हम आपको कृषि जागरण की इस पोस्ट में धान की उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं.
धान की उन्नत किस्में और उनकी खासियत (Improved Varieties Of Paddy And Specialties)
पूसा 1460 (PUSA 1460)
धान की इस किस्म का दाना छोटा और पतला होता है. इसका पौधा भी छोटे आकार का होता है. पुसा 1460 किस्म 120 से 125 दिनों में पक जाती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल की पैदावार किसानों को प्राप्त होती है.
डब्ल्यूजीएल 32100 (WGL 32100)
धान की डब्ल्यूजीएल 32100 किस्म का पौधा और दाना दोनों छोटे होते हैं. इस किस्म की धान को पकने में लगभग 125 से 130 दिनों का समय लगता है. इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 55 से 60 क्विंटल तक होता है.
पूसा सुगंध 3 (PUSA Sugandh 3)
धान की पूसा सुगंध 3 किस्म का दाना पतला होने के साथ साथ सुंगधित भी होता है. इस किस्म को पककर तैयार होने में लगभग 120 से 125 दिनों का समय लगता है. इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल तक रहता है.
एमटीयू 1010 (MTU 1010)
इस किस्म की धान का दाना और पौधा दोनों छोटे होते हैं. एमटीयू 1010 किस्म को पककर तैयार होने में करीब 110 से 115 दिनों का समय लगता है. धान की इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल तक रहता है.
आईआर 64 (IR 64)
धान की इस किस्म का दाना लंबा होता है और इसके पौधे का आकार छोटा ही रहता है. इस आईआर 64 किस्म को तैयार होने में लगभग 120 से 125 दिनों का समय लगता है. धान की इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल तक होता है.
डीआरआर 310 (DRR 310)
धान की डीआरआर 310 किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा के लिए अनुमोदित है. इस किस्म को पककर तैयार होने में लगभग 125 दिनों का समय लगता है. धान की इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा 10.3 होती है. इस डीआरआर 310 किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल तक होता है.
डीआरआर 45 (DRR 45)
धान की इस किस्म में जिंक की उच्च मात्रा 22.6 पीपीएम होती है. यह डीआरआर 45 किस्म तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य के लिए अनुमोदित है. धान की इस किस्म को हैदराबाद स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है. धान की डीआरआर 45 किस्म को पककर तैयार होने में लगभग 125 से 130 दिनों का समय लगता है. धान की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल तक की पैदावार हो सकती है.