आप सब लोगों ने अभी तक अपने घर में हल्के भूरे रंग के गेहूं से बनी रोटी को ही खाया होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में भूरे गेहूं की जगह अन्य रंग के भी गेहूं उपलब्ध हैं. जी हां जिस गेहूं की हम बात कर रहे हैं, वह काले रंग का गेहूं है, जो इन दिनों तेजी से अपनी एक पहचान बना रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस काले गेहूं (Black Wheat) को सबसे अधिक अमीर लोग खरीद रहे हैं. तो आइए काले गेहूं के बारे में जानते हैं...
किसानों के लिए काला गेहूं फायदेमंद
जैसा कि आप जानते हैं किसान भाइयों को भूरे रंग के गेहूं की खेती (Gehu ki kheti) करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. ये ही नहीं फिर इसे बाजार में जाकर भी किसानों को बेचना पड़ता है. तब कहीं इन्हें उनकी मेहनत का फल मिलता है. लेकिन वहीं काले गेहूं की खेती (Cultivation of Black Wheat) करने में किसानों को इतनी मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती है. क्योंकि देश और विदेशों के बाजार में इस गेहूं की मांग लगातार तेजी से बढ़ रही है. इसे खुद लोग खरीदने के लिए किसान भाइयों के पास जाते हैं. दरअसल, यह काला गेहूं वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया है. इस गेहूं को पंजाब के मोहाली स्थित नैशनल एग्री फ़ूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट यानी नाबी ने तैयार किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, यहां के वैज्ञानिकों ने सिर्फ काले गेहूं ही नहीं बल्कि नीले और जामूनी रंग के गेहूं की भी खोज की.
कैसे होती है काले गेहूं की बुवाई
काले गेहूं की ठीक भूरे गेहूं की तरह बुवाई की जाती है. जब किसान इसकी खेती करते हैं, तो यह शुरुआत में इसकी फसल भूरे गेहूं की तरह ही दिखाई देती है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी फसल सुखने लगती है, वैसे-वैसे गेहूं भी काला होने लगता है.
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काले गेहूं में मौजूद है खास तत्व
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यह गेहूं व्यक्ति की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. क्योंकि इसमें कई तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं.
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इसके अलावा इस गेहूं में स्टार्च (Starch in Wheat) की मात्रा अधिक होती है.
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काले गेहूं में आयरन की मात्रा लगभग 60 प्रतिशत तक पाई जाती है.
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अगर आप इस गेहूं से बनी रोटी का सेवन करते हैं, तो आपको कैंसर, डायबटीज, तनाव, दिल की बीमारी और मोटापा आदि बीमारियों से निजात मिलती है.