कभी मौसम की मार तो कभी विभिन्न व्याधियों के चलते किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी ने विकास किया है कृषि तकनीक भी उतनी ही समृध्द होती जा रही है.
प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न कीट व्याधियों से फसल को बचाने में ग्रीनहाउस तकनीक बेहद प्रभावशाली साबित हो रही है. विपरीत परिस्थितियों में भी ग्रीनहाउस तकनीक से खेती आसानी से की जा सकती है. इस तकनीक से सब्जियों को उगाना भी बेहद आसान हो गया है. टमाटर की खेती ग्रीनहाउस में आसानी से की जा सकती है. तो आइए जानते हैं ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती की कैसे करें-
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए खर्च (Cost of tomato cultivation in greenhouse)
अधिक वर्षा, गर्मी, वायरस या कीटों आदि प्रकोप जैसी परिस्थितियों में भी इस प्रक्रिया से टमाटर की खेती की जा सकती है. जहां ग्रीनहाउस में खर्च की बात की जाए तो इसके निर्माण के लिए एक वर्गमीटर के लिए 700 से 1000 रूपये तक का खर्च आता है.
बता दें कि ग्रीनहाउस तकनीक में निम्न दबाव के साथ सिंचाई प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसके लिए डेढ़ से दो मीटर ऊँचे स्थान पर पानी की टंकी का निर्माण कर पानी दिया जाता है. जिससे फसल और सब्जियों में आसानी से सिंचाई की जा सकती है.
ग्रीनहाउस में टमाटर खेती के लिए उपयुक्त किस्में (Varieties suitable for tomato cultivation in the greenhouse)
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए ऐसी किस्मों को चयन करना चाहिए जिनके फल का वजन 100 से 120 ग्राम तक हो. इसके लिए पूसा दिव्या, लक्ष्मी, डीएआरएल-303, अर्का सौरभ, अबिमन, अर्का रक्षक, पंत बहार जैसी किस्में उपयुक्त हैं. पूसा चेरी टमाटर की खेती ग्रीनहाउस में विशेषतौर पर की जाती है.
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए जलवायु (Climate for the cultivation of tomatoes in the greenhouse)
यह ऐसी तकनीक है जिसमें सब्जियों, फसलों और फलों को लंबी अवधि के लिए उगाया जा सकता है. गौरतलब है कि ग्रीनहाउस में टमाटर की ग्रोथ के लिए रात का तापमान अनुकूल होना बेहद आवश्यक है. अच्छे उत्पादन के लिए निम्न तापमान 12 डिग्री सेल्सियस और अधिक तापमान 16-22 डिग्री सेल्सियस उचित माना जाता है.
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए पौधा रोपण (Planting for tomato cultivation in the greenhouse)
ग्रीनहाउस में टमाटर की नर्सरी तैयार करने के लिए 15 से 20 सेंटीमीटर उठी हुई बेड तैयार करना चाहिए. बीजों की बुवाई के 20 से 25 दिनों बाद पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं. पौधों की रोपाई हमेशा सुबह या शाम के समय करना चाहिए.
टमाटर के पौधों को 20 दिनों बाद 8 फीट ऊँचे ओवरहेड तारों से लिपटी हुई रस्सियों से बांधा जाता है. बता दें कि ग्रीनहाउस में 1000 हजार वर्गमीटर में लगभग 2400 से 2600 टमाटर पौधों की जरूरत पड़ती है.
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए परागण (Pollination for tomato cultivation in the greenhouse)
टमाटर एक स्वयं परागण वाली फसल मानी जाती है. ग्रीनहाउस में इसके लिए अनुदानित परागण की जरूरत पड़ती है. ग्रीनहाउस में वाइब्रेटर या एयर ब्लोअर की मदद से परागण की प्रक्रिया पूरी की जाती है.
कुछ देशों में ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए परागण की प्रक्रिया मधुमक्खियों और भौंरों के द्वारा पूरी की जाती है.
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए सिंचाई, खाद एवं उर्वरक (Irrigation, manure and fertilizers for tomato cultivation in greenhouse)
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए घुलनशील उर्वरकों को 5:3:5 के अनुपात में दिया जाता है. जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश मिश्रित होता है. वहीं सिंचाई की बात की जाए तो गर्मी के दिनों में एक सप्ताह में तीन बार तथा ठंडी के दिनों में सप्ताह में दो बार सिंचाई की जाती है.
ग्रीनहाउस में टमाटर की खेती के लिए उत्पादन (Production for the cultivation of tomatoes in the greenhouse)
टमाटर की फसल 75 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है.
जहां तक उत्पादन की बात करें तो 1000 वर्गमीटर से 10 से 15 टन टमाटर का उत्पादन होता है. वहीं टमाटर की चेरी किस्म का उत्पादन कम होता है. इस किस्म से एक हजार वर्गमीटर से 2 से 3 टन टमाटर का उत्पादन होता है.