Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 October, 2020 3:38 PM IST
Crop

अक्सर किसान पौधों में लगने वाले रोगों की समस्या से ज्यादा परेशान रहते हैं, क्योंकि यह रोग फसल की उपज पर काफी बुरा प्रभाव डालते हैं. इस समस्या से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Kharagpur) खड़गपुर ने एक ऐसा रोबोट (Robot) तैयार किया है, जो पौधों में लगने वाले रोगों की पहचान करने में सक्षम है.

क्या है ये रोबोट (What is this robot)

इस रोबोटिक सिस्टम में एक वाहन लगा होगा, जो कि खेतों में घूमने का काम करेगा. इसके अलावा रोबोट में एक ऐसा यंत्र भी लगेगा, जो कैमरे को पकड़ सकता है. बता दें कि इसमें कीटनाशक का छिड़काव करने लिए एक नलिका भी दी जाती है. यह यंत्र कैमरा और तस्वीरों के जरिए पौधों में लगने वाले रोगों का पता लगा सकता है. इसके साथ ही उन रोगों को दूर कर सकता है. इसकी मदद से किसान पौधों में सही तरीके से रोगों का पता लगा सकते हैं. बता दें कि फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करते समय किसानों के स्वास्थ्य पर काफी नुकसान पड़ता है. ऐसे में यह यंत्र किसानों को इस समस्या से भी बचाएगा. इस यंत्र का डिजाइन मुंबई की एक कंपनी ने तैयार किया है.

ऐसे काम करता है ये रोबोट (This robot works like this)

इस रोबोटिक सिस्टम में कैमरा, कीटनाशक स्प्रे करने का पाइप और अन्य सामान लगे होते हैं. यह बैटरी से चलता है. अगर यह एक बार पूरी तरह से चार्ज हो जाए, तो करीब 2 घंटे तक खेत में काम कर सकता है. इस यंत्र में कंट्रोल पैनल के बटनों का इस्तेमाल कर सकते हैं और रोबोट को रिमोट से कंट्रोल कर सकते हैं.

यह खबर भी पढ़ें: राजनांदगांव जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र में किया ऐग्री ड्रोन का परीक्षण

जानकारी के लिए बता दें कि हर साल फसलों और पेड़-पौधों पर लगने वाले रोगों से भारी मात्रा में नुकसान होता है. अक्सर फसलों पर कवर्ड स्मट, लूज स्मट, हेल्मिंथोस्पोरियम ब्लाइट और झुलसा जैसे कई रोग का प्रकोप हो जाता है. इसकी रोकथाम के लिए किसानों को कीटनाशक (Pesticide) पर काफी पैसा खर्च करना पड़ता है. ऐसे में ये रोबोट किसानों के काफी काम आएगा.

English Summary: The robot will detect diseases in plants
Published on: 21 October 2020, 03:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now