Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 24 August, 2021 4:50 PM IST
Turmeric

किसानों को फसल की अच्छी उपज तब प्राप्त होती है, जब फसल के लिए बोए जाने वाला बीज गुणवत्ता से परिपूर्ण हो. मगर किसानों के लिए सबसे मुश्किल काम होता हैं कि फसलों की कटाई (Harvesting Of Crops) के बाद अगले सीजन के लिए बीजों को किस तरह सुरक्षित (Seed Storage) रखा जाए.

इसके लिए किसान कई तरह की रसायनिक दवाओं का इस्तेमाल भी करते हैं, ताकि अगले सीजन तक बीजों को सुरक्षित (Seed Storage) रखा जा सके.

किसानों की इस समस्या का समाधान करने के लिए वैज्ञानिकों ने सुरक्षित और सस्ता तरीका ढूंढ निकाला है. दरअसल, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर (Chandrashekhar Azad University of Agriculture and Technology, Kanpur) के विशेषज्ञों द्वारा एक शोध किया गया है.

इसकी मदद से बीजों का सुरक्षित भंडारण (Safe storage of seeds) किया जा सकता है. यह तकनीक के तहत हल्दी से अरहर के बीजों का भंडारण (Seed Storage) किया जा सकता है. यह पूरी तरह से कारगर साबित है. आइए आपको वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस देशी तकनीक की जानकारी देते हैं.

क्या है बीजों के भंडारण का तरीका? (What is the method of storing seeds?)

आपको बता दें कि चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ सीएल मौर्या और उनकी टीम ने हल्दी से अरहर के बीजों का भंडारण (Seed Storage) करने में सफलता हासिल की है. वैज्ञानिकों द्वारा बीजों को सुरक्षित रखने के लिए हल्दी पाउडर, नीम, यूकेलिप्टस, लेमन ग्रास, तुलसी, लैंटाना कैमारा की पत्तियों और रस का प्रयोग किया गया है. इन सबमें सबसे ज्य़ादा असरदार हल्दी पाउडर माना गया है.

बता दें कि अरहर के बीजों को हल्दी के पाउडर में एक साल तक सुरक्षित (Seed Storage) रखा गया. इसके बाद विश्वविद्यालय के फार्म पर बीज की बुवाई की गई, जिसका काफी अच्छा परिणाम सामने आया है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान फसल कटाई के बाद अगले सीजन के लिए बीज और अपने खाने के लिए अनाज सुरक्षित रखने के लिए तरह-तरह के रसायनों का इस्तेमाल करता है. यह सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक होते हैं.

ऐसे में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा प्रयास किया जा रहा था कि कुछ ऐसा विकल्प लाया जाए, जिससे कम खर्च में बीजों को काफी लंबे समय तक सुरक्षित (Seed Storage) रखा जा सके.

कैसे करें बीजों को सुरक्षित? (How to save seeds?)

डॉ. सीएल मौर्या की मानें, तो लगभग 1 किलो बीज में 4 ग्राम हल्दी पाउडर अच्छी तरह मिलाएं. ध्यान रहे कि बीज में नमी 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा भंडारण से पहले बीज को अच्छी तरह से सुखाकर हल्दी पाउडर में रखना चाहिए.

करक्यूमिन की कड़वाहट से दूर रहते कीट (Insects stay away from the bitterness of curcumin)

डॉ सीएल मौर्या का कहना है कि हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जो कि काफी कड़वा होता है. इस कारण बीजों में बैक्टीरिया, फंगस, कीड़े नहीं लगते हैं और वह 1 साल तक बीज को सुरक्षित (Seed Storage) रख सकते हैं.

बता दें कि हल्दी पाउडर में बीजों का भंडारण करना पूरी तरह से रसायनमुक्त रहता है, क्योंकि हल्दी में एंटी आक्सीडेंट और एंटी माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं.

थाईलैंड की कांफ्रेंस में मिली सराहना (Thailand was appreciated at the conference)

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ सीएल मौर्या ने इस शोध को 28 जनवरी 2020 में थाईलैंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में पेश किया था. जहां पर इस शोध के लिए डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट का अवार्ड भी मिला. खास बात यह है कि इस शोध को आइसीएआर की मंजूरी भी मिल गई है.

जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिकों की टीम एक और शोध पर काम कर रही है, जिसमें आने वाले समय में करक्यूमिन के नैनो पार्टिकल्स से बीजों को सुरक्षित रखा जाएगा. बताया जा रहा है कि नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से नैनो पॉर्टिकल्स पर काम किय जा रहा है, जिससे बीजों को सुरक्षित रखना और आसान हो जाएगा.

English Summary: technology developed to preserve seeds from turmeric for a long time
Published on: 24 August 2021, 05:01 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now