मुर्गी का व्यवसाय काफी फायदे का सौदा माना जाता है. इसके पालन से लेकर अंडे को बेचने तक किसानों को एक पूरी जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. ऐसे में आज हम आपको बाजार से मुर्गियों को खरीदने के बजाय खुद से उनका अपने फार्म पर प्रजनन कैसे करें. इसके बारे में कुछ नए तरीकों के साथ बताने जा रहे हैं.
प्रजनन के लिए वातावरण
चूजों को अंडे उत्पादन के लिए बार-बार बाजार से खरीदना किसानों के लिए काफी मंहगा होता है और फिर इन खरीदे हुए चूजों को अपने वातावरण के अनुसार ढालना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है. मुर्गी पालन के लिए हमें सबसे पहले एक अच्छे वातावरण की जरुरत होती है, जहां उनका प्रजनन अच्छी तरह से हो सके. इसके उत्पादन के लिए बाहरी और कंट्रोल्ड वातावरण की जरुरत नहीं होती है.
अच्छे ब्रीड की करें पहचान
मुर्गियों का प्रजनन के लिए चयन करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है. इनकी संख्या बढाने के लिए आपको सबसे पहले एक स्वस्थ और अच्छे ब्रीड का चयन करना होगा. इस प्रकार के ब्रीड के लिए एक उपयुक्त तापमान और खान-पान की भी जरुरत होती है. मुर्गी के एक अच्छे ब्रीड को चुनने के लिए आप इनमें क्रॉस ब्रीडिंग भी करा सकते हैं.
प्रजनन के लिए मुर्गियों का चयन
आप अपने फार्म के 15 से 20 प्रतिशत मुर्गियों को प्रजनन के लिए उपयोग कर सकते हैं. इनके चयन के दौरान आप मुर्गियों का व्यवहार उनकी शारीरिक बनावट और प्रजनन क्षमता को देख सकते हैं. इसके अलावा वह खाती-पीती और एक्टिव ब्रीड हों. ऐसी मुर्गियां जिनकी आंखें चमकीली हों और शरीर चौड़ा और गहरा हो. यह एक अच्छे ब्रीड का काम कर सकते हैं.
प्रजनन का तरीका
आपको बता दें कि मुर्गियों की प्रजनन क्षमता बसंत के मौसम में काफी अच्छी होती है. इनके प्रजनन के लिए सबसे पहले आप एक आरामदायक और रोशनी वाली जगह का चयन करें. जहां मुर्गियों से अंडे हो जाएं तो उन अंडों के साथ-साथ मुर्गी का भी स्पेशल ख्याल रखना होता है. अंडे देने के बाद मुर्गियों को आराम और अच्छे खान-पान की आवश्यकता होती है. अंडे देने के बाद मुर्गियों को अंडे से अलग ना करें और उसके आस-पास पानी और खाना रख दें. ताकि उन्हे वह आराम से गर्म रख सकें. जब अंडे से चूज़ें बाहर आ जाएं, तो उन्हे उनकी मां के पास ही रहने दें, क्योकि इस दौरान चूजों को मां के शरीर के तापमान की बेहद आवश्यकता होती है.
इस प्रजनन प्रक्रिया के दौरान कई मुर्गियां बीमार हो जाएंगी और कुछ अंडो से बच्चे पैदा नहीं हो पाएंगे. ऐसे में नुकसान हुए अंडो को सही अंडों से अलग कर दें और बीमार मुर्गियों को भी अलग कर दें.
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अब, जब अंडे फूट चुके हों तो माँ और चूजों दोनों को एक ही भोजन खिलाएं. चूजे को प्रोटीन युक्त खाना प्रदान करें. इस दौरान, माँ मुर्गी अपने बच्चों की देखभाल करती है और उन्हे बिल्कुल भी परेशान ना करें और फार्म के वातावरण का खास ध्यान रखें. जब यह चूज़ें थोड़े बड़े हो जाएं, तो उनका एक झुंड बनाकर बाकियों से अलग कर दें और उनके खाने का अच्छी तरह से इंतजाम कर उन्हें आगे के लिए तैयार करें.