Urad Ki Kheti: उड़द एक दलहनी फसल है, जिसकी भारत के कई राज्यों में खेती की जाती है. उड़द एक अल्प अवधि की फसल है, जिसे पकने में लगभग 60 से 65 दिनों का समय लगता है. रबी फसल की कटाई होते ही किसान गर्मियों में लगने वाली फसलों को बोने की तैयारी में जुट जाते हैं. अधिकतर किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए गर्मी के मौसम में उड़द की खेती करते हैं. किसानों को तापमान बढ़नें, बीज का चयन-उपचार करने और खेत में ठीक से बुआई ना करने की वजह से अच्छी पैदावार प्राप्त नहीं हो पाती है. ऐसे में किसानों को ग्रीष्मकालीन उड़द की खेती करनी चहिए, जिससे अच्छी तरह फसल तैयार हो जाए और बेहतर उत्पादन मिल सकें.
बुवाई से पहले खेत की तैयारी
उड़द की खेती से बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान को सबसे पहले अपने खेत को तैयार कर लेना चाहिए. इसके किसानों को गहरी जुताई कर लेनी चाहिए, जिससे मिट्टी अच्छे से पलट जाए. अब किसानों को 1 से 2 बार खेतों में कल्टीवेटर से जुताई करनी चाहिए. जब खेत की मिट्टी सही से भुरभुरी होने लग जाए, तो आपको दीमक से फसल को बचाने के लिए क्यूनालफास 1.5% चूर्ण को 25 किलोग्राम प्रति एकड़ खेत में बिखेर देना है और जुताई के बाद इसे अच्छे से मिट्टी में मिला देना है.
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हाइब्रिड बीजों का चयन
ग्रीष्मकालीन उड़द की खेती के लिए किसानों को उड़द के हाइब्रिड बीजों का ही चयन करना चाहिए. हाइब्रिड बीजों से उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है और 45 से 50 डिग्री तापमान में भी फसल से अच्छी उपज प्राप्त होती है. हाइब्रिड बीजों का चयन करने से किसान 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आसानी से उत्पादन प्राप्त कर सकते है और लाखों कमा सकते हैं.
उड़द की उन्नत किस्में
उड़द की उन्न्त किस्मों में पंत उड़द 31, पंत उड़द 40, शेखर 1, उत्तरा, आजाद फुलाद 1, शेखर 2. शेखर 3, माश 1008, माश 479, माश 391, आईपीयू 02-43 और डब्ल्यूबीयू 108 को प्रमुख माना जाता है. किसान उड़द की इन किस्मों की गर्मी के मौसम में खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बीज उपचार
गर्मी के मौसम में उड़द की बुवाई करने से पहले किसान को बीजों का उपचार जरूर कर लेना चाहिए. बीजों के उपचार के लिए 20 से 25 किलोग्राम प्रति एकड़ उड़द लेना है. अब आपको 3 ग्राम थायरम फफूंदनाशक दवा से प्रति किलो बीज को उपचारित कर लेना है, जिससे भूमि और फसल जन्य बीमारियों से सुरक्षित रहती है. आप इफको की सागरिका, नैनो डीएपी से भी उड़द के बीज का उपचारित कर सकते हैं, इसके लिए आपको 600 ग्राम राइज़ोबियम कल्चर को किसी पात्र में लेकर 1 लीटर पानी में में डाल देना है और इसमें 250 ग्राम गुड़ को डालकर गर्म कर लेना है. जब यह ठंडा होने लगे तो उड़द के बीज उपचारित करके छांव में रखकर सुखा लेने चाहिए और बुवाई करनी चाहिए.
ग्रीष्मकालीन उड़द की सिंचाई
ग्रीष्मकालीन उड़द की फसल को पानी की कम आवश्यकता होती है, क्योंकि यह 40 से 45 डिग्री के तापमान को भी आसानी से सहन कर लेती है. फिर भी आपको इसकी फसल में फूल आने की अवस्था में सिंचाई करनी चाहिए, जिससे उपज में काफी अच्छी बढ़ोतरी होती है.