देशभर में मौसम ने ली करवट! यूपी-बिहार में अब भी बारिश का अलर्ट, 18 सितंबर तक झमाझम का अनुमान, पढ़ें पूरा अपडेट सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 17 February, 2022 3:28 PM IST
जायद की खेती

किसान भाइयों के लिए जायद की सब्जियों की उगाई का उपयुक्त समय चल रहा है. यह फसल रबी और खरीफ के बीच में बोई जाने वाली फसल होती है. यानि ायद की फसलों की बुवाई मार्च महीने से शुरू हो जाती है.

आपको बता दें कि जायद की खेती में प्रमुख फसल टडा, तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, लौकी, तुरई, ¨भडी, अरबी है. 

जिससे किसान अपने खेत में उगाकर बाजार में अच्छे दामों पर बेचते है, क्योंकि इन सब्जियों की मांग बाजार में अधिक होती है. जायद की खेती के लिए किसानों को दो बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पहली सही तरीके से खेती की सिंचाई और दुसरी जायद की खेती के समय खेत का खाली रहना.

तो आइए जायद की खेती की बुवाई के बारे में जानते है.

क्या होती है जायद (what is Zaid Crop) 

जैसे कि हमे आपको पहले ही बताया जायद की खेती को रबी और खरीफ के बीच में बोई जाती है. जायद की फसलों को तेज गर्मी व शुष्क हवाएं सहन की क्षमता होती है. ये ही नहीं यह समय खरीफ की खेती करने के लिए भूमि के नमूनों को इकठ्ठा कर उनकी जांच के लिए उत्तम होती है.

जायद खेती की बुवाई (sowing of Zaid cultivation)

मार्च के महीने में जायद की खेती (Zaid Crop) की बुवाई शुरू हो जाती है. इस दौरान कई किसानों के खेत खाली हो जाते हैं, जिसमें वह आराम से जायद सीजन की बुवाई कर सकते हैं. ध्यान रखें कि जायद की बुवाई हमेशा एक ही पंक्ति में होनी चाहिए. 

यह भी पढ़ेः जायद सीजन में भिंडी की खेती करने का तरीका, उन्नत किस्में और बुवाई का तरीका

इसके अलावा बेल वाली फसलों को एक ही क्यारी में लगाना चाहिए. लौका की सब्जियों की बुवाई के बीच अन्य फलों को भी लगाएं, क्योंकि ऐसा करने से आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा. कई बार बेल वाली सब्जियों के फल समय से पहले ही झड़ने लगते हैं. इसके बचाव के लिए आपको सब्जियों की बुवाई के दौरान 40 से 45 सेंटीमीटर चौड़ी और 30 सेंटीमीटर गहरी लंबी नाली तैयार करना है.

इसके साथ ही हर एक पौधों को दूर-दूर लगाएं और कम से कम 60 सेंटीमीटर दूर पौधे होने चाहिए. इसके अलावा नालियों की किनारों पर लगभग 2 मीटर चौड़ी क्यारियां तैयार करें. इस प्रकार से आप ज्यादा की खेत में बेल वाली सब्जियों से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

English Summary: Suitable time and method for sowing Zaid crops
Published on: 17 February 2022, 03:33 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now