मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार उद्यानिकी के विकास के लिए प्रयासरत है. इसके लिए ग्राम स्तर पर कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश उद्यानिकी राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने हाल ही में कहा कि प्रदेश में उद्यानिकी के विकास की व्यापक संभावनाएँ मौजूद हैं. विभाग के अधिकारियों को ग्राम-स्तर पर पदस्थ मैदानी अमले के साथ काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि योजनाओं की सफलता गाँव में और नर्सरियों में पहुंच कर कृषकों के साथ काम करने से ही सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने यह बात सागर और जबलपुर संभाग के उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कही.
समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति नहीं हो पाने से साफ होता है कि अपेक्षित रुचि से काम नहीं किया गया है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी योजना में लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अधिकारी, कर्मचारी को काम में रुचि लेना जरूरी है. सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझें और किसानों के हित में संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान दें. साथ ही उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. विभाग की संभागीय समीक्षा बैठकों के बाद वे जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर भी समीक्षा करेंगे. जिलों के साथ-साथ विभाग की नर्सरियों और उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़े किसानों के खेतों तक वे स्वयं भी पहुँचेंगे.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों किसान फल, सब्जी, फूल, मसालों की खेती से जुड़े हैं. ऐसे में विभाग को उद्यानिकी का रकबा और उत्पादन दोनों बढ़ाना है. बैठक में राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि जबलपुर संभाग के मण्डला जिले में 8596 हेक्टेयर रकबे में उद्यानिकी फसलों की खेती हो रही है, जो संभाग के अन्य जिलों से कम है, मण्डला जिले के अधिकारी ध्यान दें. वहीं सागर संभाग के पन्ना जिले में संभाग के अन्य जिलों की तुलना में सबसे कम 11 हजार 295 हेक्टेयर उद्यानिकी फसलों का रकबा है. बैठक में कृषकों के प्रशिक्षण आयोजित करने, विभाग की नर्सरियों को स्थानीय किसानों की जरूरत के अनुसार विकसित करने सहित सभी योजनाओं की जिलावार प्रगति की समीक्षा की गई. इस बैठक में आयुक्त उद्यानिकी पुष्कर सिंह और जबलपुर एवं सागर संभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे.