GFBN Story: कैसे लखन यादव ने बांस और प्राकृतिक खेती से खड़ा किया 2 करोड़ का एग्रो-बिजनेस Solar Subsidy: किसानों को सोलर पंप पर 90% अनुदान देगी राज्य सरकार, मिलेगी बिजली और डीजल खर्च से राहत GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 19 September, 2020 3:10 PM IST

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार उद्यानिकी के विकास के लिए प्रयासरत है. इसके लिए ग्राम स्तर पर कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश उद्यानिकी राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने हाल ही में कहा कि प्रदेश में उद्यानिकी के विकास की व्यापक संभावनाएँ मौजूद हैं. विभाग के अधिकारियों को ग्राम-स्तर पर पदस्थ मैदानी अमले के साथ काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि योजनाओं की सफलता गाँव में और नर्सरियों में पहुंच कर  कृषकों के साथ काम करने से ही सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने यह बात सागर और जबलपुर संभाग के उद्यानिकी विभाग  के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कही.

समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्य मंत्री कुशवाह ने कहा कि लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति नहीं हो पाने से साफ होता है कि अपेक्षित रुचि से काम नहीं किया गया है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी योजना में लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अधिकारी, कर्मचारी को काम में  रुचि लेना जरूरी है. सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समझें और किसानों के हित में संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान दें. साथ ही उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. विभाग की संभागीय समीक्षा बैठकों के बाद वे जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर भी समीक्षा करेंगे. जिलों के साथ-साथ विभाग की नर्सरियों और उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़े किसानों के खेतों तक वे स्वयं भी पहुँचेंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों किसान  फल, सब्जी, फूल, मसालों की खेती से जुड़े हैं. ऐसे में विभाग को उद्यानिकी का रकबा और उत्पादन दोनों बढ़ाना है. बैठक में राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि जबलपुर संभाग के मण्डला जिले में 8596 हेक्टेयर रकबे में उद्यानिकी फसलों की खेती हो रही है, जो संभाग के अन्य जिलों से कम है, मण्डला जिले के अधिकारी ध्यान दें. वहीं सागर संभाग के पन्ना जिले में संभाग के अन्य जिलों की तुलना में सबसे कम 11 हजार 295 हेक्टेयर उद्यानिकी फसलों का रकबा है.  बैठक में कृषकों के प्रशिक्षण आयोजित करने, विभाग की नर्सरियों को स्थानीय किसानों की जरूरत के अनुसार विकसित करने सहित सभी योजनाओं की जिलावार प्रगति की समीक्षा की गई.  इस बैठक में आयुक्त उद्यानिकी पुष्कर सिंह और जबलपुर एवं सागर संभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे.

English Summary: state Minister said that there are wide possibilities of development of horticulture in Madhya Pradesh
Published on: 19 September 2020, 03:13 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now