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Updated on: 14 January, 2023 2:33 PM IST
मोती की खेती से बनें मालामाल

पृथ्वी में आजीविका के अनेकों ऐसे स्त्रोत मौजूद हैं, जिससे लोग रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकते हैं. हमारी मिट्टी में कई सारे धातु मौजूद हैं जो बहुत ही बेशकीमती हैं, जिसमें सोना, चांदी, हीरा आदि शामिल हैं. ऐसे ही समुद्र में मोती भी पाए जाते हैं, जिन्हें गोताखोत गहरे पानी में जाकर निकालते हैं और इसी वजह से बाजार में इनकी कीमत काफी अधिक हो जाती है. अब मोती केवल समुद्र में नहीं बल्की आप घर पर भी आसानी से पा सकते हैं. इन दिनों मोती की खेती खूब चर्चित हो रही है. लोग घर पर मोती की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं. यदि आप भी इस व्यवसाय को अपनाना चाहते हैं, इस लेख से आपकी सहायता हो सकती है.

मोती की खेती किसानों के लिए नई राह

मोती की खेती किसानों के लिए नई राह बन रही है. लोग जहां पारंपरिक खेती कर रहे थे वहीं अब किसानों किसान मोती की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं. मोती शिप से निकलने वाला एक प्राकृतिक रत्न है. जिसे तैयार होने में लगभग 14 महीने का समय लगता है. मोती की गुणवत्ता के हिसाब से उसकी कीमत तय की जाती है. बाजार में एक मोती की कीमत 300 रुपए से 1500 रुपए तक है. तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में डिजायनर मोती की कीमत 10 हजार रुपए तक हो सकती है.

मोती कैसे बनता है

मोती की खेती तालाब से लेकर सीमेंट के टब, मछली टैंक और घर पर टब बनाकर की जा सकती है.घर पर बाल्टी या छोटे टैंक में मोती की खेती करने की विधि को रीसर्क्युलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम कहा जाता है. यह सिस्टम फिश टैंक से पानी को फिल्टर करके संचालित होता है ताकि टैंक के भीतर इसका पुन: उपयोग किया जा सके.

कैसे करें मोती की खेती

  • मोती की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि पानी की जांच की जाए, जिससे पता लगे कि यह पानी मोती की खेती करने के लिए उपयुक्त है या नहीं और यह पता लगेगा कि सीप उस पानी में जीवित रहेंगे या नहीं. इसके लिए आप सरकारी प्रयोगशाला में पानी की जांच करा सकते हैं.

  • एक बार पानी की जांच करवाने के बाद आपको मोती की खेती की ट्रेनिंग लेने की आवश्यकता होगी. जिसके लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (CIFA) में आवेदन कर सकते हैं. इससे आपको मोती निकालने की सही तकनीक सीखने में मदद मिलेगी.

  • मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल मौसम शरद ऋतु यानी अक्टूबर से दिसंबर का समय होता है. किसान को स्थानीय तालाबों या अन्य जल निकायों से ऑयस्टर/सीप की खरीद करनी होगी.

  • एक छोटे सीप में औसतन 2 से 8 मोती होते हैं, तो वहीं अगर सीप का आकार बड़ा है तो उसमें 28 मोती प्राप्त हो सकते हैं.

  • बता दें कि सीपी तैयार होने के बाद उन्हें 4-6 दिनों के लिए क्रिटिकल केयर यूनिट में रखा जाता है.

मोती बनने में कितना समय लगता है?

एक मोती को बनने में कम से कम 14 महीने का समय लगता है. हालांकि, मोती आमतौर पर एक अच्छे आकार में बढ़ने के लिए कम से कम एक वर्ष के लिए छोड़ दिए जाते हैं.

मोती की खेती में लागत तथा लाभ

एक सीप की कीमत करीब 20 से 30 रुपए होती है. बाजार में एक एमएम से 20 एमएम सीप मोती की कीमत करीब 300 से 1500 रुपए है. आजकल डिजाइनर बीड्स काफी पसंद किए जा रहे हैं, जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. भारतीय बाजार की तुलना में विदेशी बाजारों में मोती निर्यात कर काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.

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सीप से मोती निकालने के बाद सीप को बाजार में बेचा भी जा सकता है. कई सजावटी सामान सीप से बने होते हैं. कन्नौज में सीपों से सुगंधित तेल निकालने का कार्य भी बड़े पैमाने पर होता है. जिससे सीप को स्थानीय बाजार में भी तुरंत बेचा जा सकता है. सीपों द्वारा नदियों और तालाबों के जल को भी शुद्ध किया जाता है जिससे जल प्रदूषण की समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है

English Summary: Start pearl farming from home, will earn bumper
Published on: 14 January 2023, 02:43 PM IST

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