कृषि की बढती लागत, ज्यादा निवेश किसानों की आय में गिरावट किसानों की परेशानी का सबब है. ऐसे में आज आपको एक ऐसी खेती की जानकारी देने जा रहे हैं. जिससे किसान की लागत भी कम होगी और आय भी दोगुनी हो जाएगी. बात कर रहे हैं स्पाइरुलीना की. दरसल, किसान स्पाइरुलीना की खेती कम निवेश में कर परंपरागत फसलों की तुलना में अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.
स्पाइरुलीना एक प्रकार का पौष्टिक आहार है. इसमें प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स और कई प्रकार के पोषक तत्त्व पाए जाते हैं. इसका उपयोग औषधीय के अलावा सौंदर्य प्रसाधन के बनाने के लिए भी किया जाता है.
स्पाइरुलीना की खेती के लिए जरूरी बातें (Important Things For Spirulina Cultivation)
स्पाइरुलीना की खेती करने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए-
-
स्पाइरुलीना की खेती के लिए तापमान 25 – 38 डिग्री तापमान होना चाहिए
-
पानी का पी एच 9 औसत होना चाहिए.
-
इसका उत्पादन किसी भी सुविधाजनक आकार के प्लास्टिक एवं सीमेंट के टैंक में कर सकते हैं.
-
इसको उगने के लिए बीज या मदर कल्चर की आवश्यकता होती है.
स्पाइरुलीना को उगाने का तरीका (How To Grow Spirulina)
-
अगर आप स्पाइरुलीना की खेती करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप टैंक बना सकते हैं या फिर अगर सस्ते में काम करना चाहते हैं नाली खोदकर उसमे प्लास्टिक बिछा लेना है. उसके अंदर पहले पानी डालना है.
-
इसके बाद मदर स्पाइरुलीना कल्चर को 1000 लीटर पानी में दाल दें.
-
इसके बाद सोडियम बाईकार्बोनेट, 5 ग्राम सोडियम क्लोराइड, 0.२ ग्राम यूरिया,0.5 पोटैशियम सल्फेट, 0.05 आयरन सल्फेट का घोल टैंक में मदर कल्चर के साथ डाल दें.
-
इसके बाद इस पानी को हिलाते रहना है.
-
अगर हाथ से यह संभव नहीं है, तो छोटे मोटर लगाकर पंखा लगा दें, ताकि पानी हल्के हल्के हिलते रहे.
-
इससे स्पाइरुलीना पूरे पानी में फैलेगा और जल्दी तैयार होगा.
स्पाइरुलीना है अच्छी कमाई का जरिया (Spirulina is a Good Source of Income)
स्पाइरुलीना का उत्पादन एक मीटर में औसत 8 ग्राम प्रतिदिन होता है. इस लिहाज से एक एकड़ में प्रतिदिन 32 किलो का उत्पादन होगा. इसका बाज़ार में मूल्य 800 रुपए प्रति किलो है. वहीं इसके 1 किलो सूखे स्पैरुलिन पाउडर का बाज़ार में मूल्य 1000 रूपए प्रति किलो है. इसकी खेती से किसान अच्छी आय कमा सकते हैं.