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Updated on: 21 February, 2019 4:24 PM IST

देश में अब चावल की खेती को कीड़ों से बचाने के लिए शराब का इस्तेमाल किया जा रहा है. दरअसल महाराष्ट्र में गोदिया जिले के चारगांव के एक किसान प्रतीक ठाकुर की 10 एकड़ धान की फसल पिछले साल कीड़े लगने के कारण खराब हो गई थी. उसके बाद से ही प्रतीक ने इन कीड़ों से निजात पाने के लिए उपाय खोजना शुरू कर दिया था. प्रतीक जिस समय अपने चावल की खेती को कीड़े से बचाने के लिए तोड़ खोज रहे थे तब उनको मालूम हुआ कि मध्यप्रदेश राज्य के कुछ किसान फसलों को कीट से बचाने के लिए खाद और पानी में देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे है जिससे किसानों को ज्यादा फायदा हो रहा है. कीड़े का नाम मावा और तुरतुड़ा है जो कि फसलों पर लगते है.

धान के पौधों पर शराब का छिड़काव

धान के पौधे जैसे धीरे-धीरे बड़े होते हैं ये सारे कीड़ें उसी समय उन फसलों पर लगना शुरू हो जाते है और फसल को खराब कर देते हैं. इसीलिए इन फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए 16 लीटर पानी में करीब 80-90 मि.ली शराब को मिलाने का काम किया जा रहा है. उसके बाद फसलों पर स्प्रे का छिड़काव कर दिया जाता है. किसान प्रतीक का कहना है कि छिड़काव के बाद फसलों पर किसी भी तरह के दूसरे कीड़े के लगने की कोई भी बात सामने नहीं आई है. प्रतीक जैसे इलाके के तकरीबन 50 किसान इन दिनों चावल की खेती में देशी शराब का छिड़काव करने का काम कर रहे हैं. इससे धीरे-धीरे फायदा दिखाई देने लगा है.

किसानों के पास है कईं विकल्प

यहां के किसान करीब 2 हजार हेक्टेयर भूमि के मालिक हैं. शराब के छिड़काव को करने पर किसानों को कम लागत भी आ रही है. जिससे उनको किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है. कृषि जानकारों का मानना है कि किसान जिस भी शराब का छिड़काव कर रहे है वह इतनी कम मात्रा में इस्तेमाल की जा रही है कि उन्हें नहीं लगता कि इससे सिर्फ कीड़ों को छोड़कर फसलों पर कोई असर होगा. वैसे वैज्ञानिकों का कहना है कि शराब की जगह पर नीम की छाल का उपयोग कर सकते है.

English Summary: rice crop will be avoided by the use of alcohol
Published on: 21 February 2019, 04:29 PM IST

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