बाजार से खरीदी गई सब्जियों एवं फलों में कई प्रकार के रासायनिक तत्व मौजूद होते है जिससे फलों एवं सब्जियों से मिलने वाले लाभ, नुकसान में बादल जाते है. फल एवं सब्जियों को कीट व बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक पदार्थों का निश्चित मात्रा से ऊपर प्रयोग किया जाता है. जिससे ये रासायनिक पदार्थों मानव के शरीर में प्रवेश कर दुष्प्रभाव डालते है. अतः जब भी बाजार से ये खाद्य सामग्री लाये उनका रासयानिक प्रभाव खत्म होने पर ही उपयोग करें.
रासायनिक दुष्प्रभाव को कम करने के विभिन्न घरेलू उपाय है-
पानी में भिगोना: यदि फल एवं सब्जियों को एक घंटे तक पानी में भिगोकर रखा जाए तो रसायनों का अवशेष घट जाता है फिर हल्के हाथ से रगड़ कर इन्हें रसायन रहित कर सकते हैं. फल एवं सब्जियों को 10 से 60 मिनट तक पानी में भिगोने से 15% से 60% तक अवशेष स्तर घट जाता है.
पानी से धोना: फल एवं सब्जियों के उपयोग से पहले कम से कम चार पांच बार अच्छी तरह रगड़कर ठंडे या हल्के गर्म पानी से धोना चाहिए. इससे ऊपरी सतह पर लगे दवाओं के अवशेष धूल कर कम हो जाते हैं.
छीलना: सभी फल एवं सब्जियों को छीलकर काम में लेना चाहिए. इससे दवा युक्त बाहरी छिलके निकल जाते हैं एवं खाद्य पदार्थ सुरक्षित हो जाता है. कुछ सब्जियों जैसे पत्ता गोभी फूल गोभी व अन्य पत्तेदार सब्जियों के ऊपरी चार पांच पत्ते उतार कर काम में लेना चाहिए. छिलके वाले फल जैसे केला, संतरा, मौसमी, पपीता, चीकू अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि इन्हें छिलका उतारकर इस्तेमाल करते हैं तथा सेब, अमरूद, बेर, आलूबुखारा जैसे फलों में अवशेष स्तर अधिक पाया जाता है क्योंकि इनका छिलका नहीं उतारते हैं.
उबालना या ब्लाँचिंग: फल एवं सब्जियों को उनकी प्रकृति के अनुसार उबलते पानी में 2 से 8 मिनट डुबोकर रखें और पानी को फेंक दें. इससे 30% दवाओं का अवशेष स्तर घट जाता है. इस प्रक्रिया से मटर, पालक, हरी बींस, मेथी, फूल गोभी आदि सब्जियों को सुरक्षित रख सकते हैं
भाप द्वारा: भोजन को यदि भाप द्वारा प्रेशर कुकर में बनाया जाए तो काफी रसायन अधिक तापमान पर टूट जाने से बेसन बेअसर हो जाते हैं तथा उनका दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है.
नमक के घोल में उबालें: फल एवं सब्जियों को 6 ग्राम नमक को प्रति लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर ले. इस नमक के घोल में उबालने से भी रसायनों का असर कम हो जाता है. इसके उबालने के 10 मिनट बाद पानी को फेंक दें. उदाहरण के लिए टमाटर, मटर फूलगोभी इत्यादि.
पकाना/ तलना या भूनना: कच्चे फल व सब्जियों का सेवन यदि पकाकर, तलकर या भूनकर बोलकर किया जाता है तो इन प्रक्रियाओं द्वारा बहुत सारे रसायन टूटकर नष्ट हो जाते हैं और इन्हें सेवन के लिए सुरक्षित बना देते हैं.
डिब्बाबंद द्वारा: भोज्य पदार्थों जैसे सब्जियां मटर गाजर इत्यादि को गर्म करके 18 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखने से कई रासायनिक दवाओं के अवशेष टूट जाते हैं. हवा निकालकर पैक कर देने से सब्जियां काफी हद तक सुरक्षित हो जाती है.
रसायनों द्वारा कम प्रभावित भोज्य पदार्थों का सेवन: अंकुरित दालें, उबला दूध, आलू, गाजर, मूली, मौसमी- मोटे छिलके वाले फल इत्यादि का उपयोग अधिक करना चाहिए.
दुग्ध पदार्थों का उपयोग: बीमारियों से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध, दही, लस्सी आदि के उपयोग से रासायनिक दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है.