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Updated on: 30 November, 2022 10:16 AM IST
सफेद से ज्यादा मुनाफेमंद लाल मूली की खेती, सिर्फ 25-40 दिनों में 135 क्विंटल पैदावार!

अगर आप मूली की खेती करने का सोच रहे हैं तो आपको बता देंसफेद मूली से ज्यादा लाल मूली की खेती में फायदा और मुनाफा है. आप सिर्फ 25 से 40 दिन में 135 क्विंटल की पैदावार कर सकते हैं. आज-कल रंग बिरंगी सब्जियों की मांग ज्यादा बढ़ गई है जो स्वादिष्ट तो होती ही हैं साथ ही दिखने में भी सुंदर होती हैं. ऐसे में सलाद के लिए सफेद से ज्यादा लाल मूली की डिमांड है. तो आईये जानते हैं कैसे लाल मूली की खेती से मुनाफा कमा सकते हैं...

भारत में विदेशी सब्जियों की बढ़ती मांग के बीच लाल मूली काफी पसंद की जा रही है. ऐसे में किसानों के पास लाल मूली की फसल बाजार में उतारने का अच्छा मौका है. मॉलऑनलाइन मार्केट और मंडियों में लाल मूली हाथों-हाथ बिक सकती हैइसके लिए जरूरी है कि खेती के लिए उन्नत किस्म के बीजों का सही तरीके का इस्तेमाल किया जा सके. जिससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके. 

लाल मूली की खासियत

लाल मूली को फ्रेंच मूली भी कहते हैं जो एक अव्वल दर्जे की सब्जी है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण ज्यादा होते हैं. जो लाल मूली को सफेद मूली से खास बनाते हैं. लाल मूली का स्वाद हल्का तीखा होता है. जड़े गहरे लाल रंग की होती हैं और पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं. लाल रंग की वजह से दिखने में सुंदर होती है. लाल मूली के इस्तेमाल से सलाद पौष्टिक होने के साथ ही दिखने में भी अच्छा लगता है. 

लाल मूली की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु

लाल मिट्टी की खेती के लिए जीवाश्मयुक्त मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी से इसका काफी अच्छा उत्पादन हो सकता है. किसान चाहे तो विशेषज्ञों की सलाह लेकर दोमट भूमिचिकनी मिट्टी में भी लाल मूली की फसल लगा सकते हैं. ध्यान रखें कि मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच ही होना चाहिए. 

लाल मूली की खेती के लिए उपयुक्त समय

बता दें लाल मूली सिर्फ एक सर्द मौसम वाली फसल हैजिसकी खेती के लिए सितंबर से लेकर फरवरी माह सबसे ज्यादा उपयुक्त होता है. जबकि आधुनिक तकनीक यानी पॉलीहाउस (Polyhouse) या लो टनल (Low Tunnel) में भी लाल मूली की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसान चाहें तो पारंपरिक फसलों के साथ-साथ मेड़ों पर मूली की बुवाई करके भी बेहतर उत्पादन ले सकते हैं. 

लाल मूली के खेत की तैयारी

कम समय में बेहतर उत्पादन के लिए लाल मूली की सरंक्षित खेती या पारंपरिक खेती भी कर सकते हैं. इसकी बुवाई से पहले खेत को जैविक विधि से तैयार करना चाहिए. इसके लिए से 10 टन गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट खाद को बराबर मात्रा में मिलाकर खेत में फैला देंजिससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बेहतर रहेऔर फिर खेत में गहरी जुताई लगाकर पाटा चला देना चाहिएजिसके बाद मेड़ या बैड बनाकर लाल मूली के बीजों की बुवाई करना फायदेमंद रहेगा. इससे खरपतवारों की रोकथाम के साथ-साथ जल भराव की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा. 

लाल मूली फसल की बुवाई

लाल मूली की खपत अब तक सिर्फ बड़े शहरों में थी लेकिन सोशल मीडिया के दौर में अब छोटे शहरों और कस्बों में भी इसकी बागवानी की जा ही है. ऐसे में किसान चाहे तो लाल मूली के उन्नत बीज ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं. भारत में लाल मूली की पूसा मृदुला किस्म भी ईजाद की गई है.कृषि विशेषज्ञों की मानें तो मेड़ों पर लाल मूली की बुवाई करने के लिए करीब से 10 किलोग्राम बीजों  की जरुरत होती है. इसकी बुवाई के लिए कतार विधि का प्रयोग करना चाहिएताकि फसल में निराई-गुड़ाईनिगरानी और बाकी कृषि कार्य आसानी से किये जा सकें. लाल मूली के बीजों की बुवाई से पहले बीज उपचार करें. इसके बाद लाइन से लाइन के बीच 30 सेमी. और पौध से पौध से बीच 10 सेमी की दूरी रखकर बीजों को इंच गहराई में लगा दें. लाल मूली की फसल से अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी की जांच के आधार पर प्रति हेक्टेयर की दर से 80 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फॉस्फोरस और 60 किलो पोटाश भी डाल सकते हैं. 

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लाल मूली फसल की पैदावार

मिट्टी की जांचखेती की सही तकनीक और सही समय पर लाल मिली की बुवाई करके अच्छी पैदावार ले सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2021 में गाजीपुर के शख्स ने लाल मूली की फसल लगाई. उन्होंने बताया कि लाल मूली की फसल बुवाई के 40-45 दिनों में तैयार हो जाती हैजिससे 135 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं. इस तरह आप भी कम लागत में लाल मूली की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

English Summary: Red radish farming more profitable than white, 135 quintal yield in just 25-40 days
Published on: 30 November 2022, 10:25 AM IST

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