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Updated on: 18 January, 2021 5:05 PM IST
Polyhouse Techniques

मौजूदा वक्त में कृषि की कई नई तकनीक विकसित हो चुकी हैं, जिसमें पॉलीहाउस (Polyhouse) का नाम भी शामिल है. कई किसान पॉलीहाउस (Polyhouse) के बारे में जानते होंगे, तो वहीं कई किसानों ने अभी तक पॉलीहाउस (Polyhouse) का नाम सुना होगा, लेकिन वह जानते नहीं होंगे कि पॉलीहाउस (Polyhouse) में सब्जी उत्पादन और आधुनिक बागवानी में किस तरह की जाती है.

दरअसल, सब्जी उत्पादन और आधुनिक बागवानी में पॉलीहाउस (Polyhouse) का महत्वपूर्ण योगदान है. अगर किसान कुछ विशेष सावधानियों के साथ पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियों की खेती करते हैं, तो यह किसी वरदान से कम नहीं है. आमतौर पर पॉलीहाउस में सभी सब्जियों को उगाया जा सकता है, लेकिन सब्जियों का चुनाव मौसम, पौधों की ऊंचाई, समय, लागत और बाजार भाव को ध्यान में रखकर करना चाहिए. ऐसे में अधिकतर उन सब्जियों का चुनाव करें, जो कम जगह में उग जाती हैं और जिनका भाव बाजार में ज्यादा मिलता है. आइए आज आपको पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियां उगाने की तकनीक (Techniques to grow unripe vegetables in polyhouses) बताते हैं.

क्या है पॉलीहाउस (What is Polyhouse?)

पॉलीहाउस (Polyhouse) को पॉलीघर भी कहा जाता है. यह पॉलीथीन से बना एक रक्षात्मक छायाप्रद घर होता है, जिसका उपयोग उच्च मूल्य वाले कृषि फसल को पैदा करने के लिए होता है. यह अर्धवृत्ताकार, वर्गाकार या लम्बे आकार का होता है. इसमें लगे उपकरणों की मदद से अन्दर का तापमान, आर्द्रता, प्रकाश आदि को नियन्त्रित किया जाता है. इस तकनीक का उपयोग संरक्षित खेती के लिए किया जा रहा है. इस तकनीक से जलवायु को नियंत्रित कर दूसरे मौसम में खेती कर सकते हैं. इसके तहत ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर तापमान व आद्र्ता को नियंत्रित किया जाता है. इस तकनीक से कृत्रिम खेती भी कर सकते हैं. आप जब चाहें, तब अपनी मनपसंद फसल की खेती कर सकते हैं. पॉलीहाउस में कई तरह की खेती की जाती है, जिससे कम समय और जगह में फसल का अधिक उत्पादन प्राप्त होता है.

पॉलीहाउस बनाने की विधि (Polyhouse Method)

  • इसे बनाने के लिए बांस की खपच्ची, बांस, जी आई पाइप, आयरन एंगल, सुतली आदि की ज़रूरत होती है.

  • इसे 150 से 200 माइक्रोन मोटी पॉलीथीन से ढंका जाता है.

  • पॉलीथीन शीट का पराबैंगनी होना जरूरी होता है, क्योंकि सूर्य की रोशनी पारदर्शी पॉलीथीन से पॉलीहाउस के अन्दर पहुंचती है.

  • इसके साथ ही वायुमण्डल में प्रवेश न कर पाने के कारण वह पॉलीहाउस का तापमान बढ़ाने में सहायक होता है.

कम लागत के पॉलीहाउस (Low Cost Polyhouses)

अगर आप कम लागत में पॉलीहाउस बनाना चाहते हैं, तो बांस की खपच्चियों और सुतली की सहायता से बना सकते हैं. इस तरह के पॉलीहाउस में कोई भी यंत्र वातावरण का नियंत्रण करने के लिए नहीं लगाया जाता है. ऐसे पॉलीहाउस मैदानी क्षेत्रों के लिए सर्दी की ऋतु में प्रयोग किए जाते हैं.

मध्यम लागत के पॉलीहाउस (Medium Cost Polyhouses)

अगर आप मध्यम लागत में पॉलीहाउस बनाना चाहते हैं, तो लोहे के पाइप या जी आई पाइप द्वारा बना सकते हैं. इसमें कूलर, छाया देने वाले जाल, पानी के फव्वारे और गर्म हवा फेंकने वाले ब्लोअर का इस्तेमाल किया जाता है.  इस में वातावरण को अर्धनियंत्रित किया जा सकता है.

अधिक लागत के आधुनिक पॉलीहाउस (High Cost Modern Polyhouse)

अधिक लागत वाले पॉलीहाउस मध्यम लागत वाले पॉलीहाउस से काफी बड़े आकार के होते हैं. इसमें वातावरण का नियंत्रण आधुनिक यंत्रों द्वारा किया जाता है. इसको कम्पयूटर प्रणाली द्वारा संचालित किया जाता है, साथ ही  सिंचाई ड्रिप प्रणाली द्वारा की जाती है.

आपको बता दें कि आजकल किसानों के लिए कम लागत के पॉलीहाउस उपयुक्त होते हैं. विभिन्न राज्यों की सरकार इन पर बागवानी मिशन के तहत 50 तक प्रतिशत का अनुदान भी देती हैं.

पॉलीहाउस तकनीक के उपयोग (Uses of Polyhouse Techniques)

  • बेमौसमी सब्जियों की नर्सरी कम समय में तैयार कर सकते हैं.

  • यह तकनीक सब्जियों को ठण्ड, पाला, गर्मी और हवा से बचाती है.

  • सब्जियों की अगेती पौध तैयार करने में सहायक है, जिससे अगेती फसल का बाजर में अच्छा भाव मिल सकता है.

  • अधिक मूल्य वाली सब्जियों का उत्पादन करना संभव होती है.

  • सब्जियों की गुणवत्ता बढ़ती है.

  • रोग व कीट की रोकथाम हो सकती है.

  • सब्जियों की मोनोक्रापिंग को बढ़ाना यानी साल में कई बार फसल उगा सकते हैं.

पॉलीहाउस में उत्पादन के लिए सब्जियों की उन्नत किस्में (Advanced varieties of vegetables for production in polyhouses)

टमाटर

डी टी एच- 7, अविनाश- 2, डी ए आर एल- 304, एच वाई बी- 99, के-126, एन पी- 5002 आदि.

शिमला मिर्च

गोल्डन समर, अलंकार, भारत इन्दिरा, केलिफोर्निया वंडर, हीरा, बाम्बी, ओरोबेली, तनवी और जैमिनी आदि.

खीरा

जापानीज लौंग, ग्रीन, पूसा संयोग, प्वाइनसेट, रानी, फूले पराची और कसन आदि.

खरबूजा

पंजाब संकर- 1और दिप्ती आदि.

फ्रेंचबीन

पंत अनुपमा और पंतबीन- 2, पूसा पार्वती कंटेण्डर आदि.

बैंगन

पूसा हाईब्रिड- 5,6 और 9, पंत संकर, हिसार और श्यामल आदि.

पॉलीहाउस में अगेती नर्सरी से फायदे (Benefits of early nursery in polyhouse)

  • बेमौसमी उत्पादन

  • अधिक पैदावार

  • फसल की अच्छी गुणवत्ता

  • कम पानी की ज़रूरत

  • कम खरपतवार व आसान नियंत्रण

  • समय पर पौध उत्पादन

  • विपरीत परिस्थितियों से बचाव

  • कीट व रोग नियंत्रण

इन बातों का रखें खास ध्यान (Keep these things in mind)

  • सिर्फ उन्नत और संकर किस्में उगाएं.

  • सही सब्जी की फसल का चुनाव करें.

  • सही किस्म का चुनाव करें.

  • सब्जी की बुवाई से पहले पॉलीहाउस में गोबर की खाद डाल दें और अच्छी तरह मिला दें.

  • जमीन को 5 प्रतिशत फोरमेलिन से उपचारित करें.

पौध को प्रोपेगेशन ट्रे में तैयार करें (Prepare the plant in propagation tray)

ध्यान रहे कि सब्जियों की पौध के लिए प्रोपेगेशन ट्रे का उपयोग करें. इसे प्रो ट्रे भी कहा जाता है. आमतौर पर यह 98 छेदों वाली होती है. बता दें कि इसमें कोकोपीट + परलेट + वर्मीकुलेट का 4:1:1 का मिश्रण लेकर ट्रे तैयार कर लें. इसके बाद बीज की बुवाई करें.

पॉलीहाउस के फायदे (Advantages of polyhouse)

  • हर बीज का बिना क्षति के अंकुरण

  • जड़ों का पूरा विकास

  • रोपाई में सुविधाजनक

  • पौधों का विकास एक समान होता है

  • स्वस्थ पौधों का तैयार होना

  • कम समय में पौध का तैयार होना.

  • पौध में कम बीमारियां लगना

  • कीट नियंत्रण आसानी से करना

English Summary: Read the techniques of growing unripe vegetables in polyhouses
Published on: 18 January 2021, 05:15 PM IST

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