Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 28 November, 2020 3:57 PM IST
radish cultivation tips and tricks

क्रूसीफैरी परिवार से ताल्लुक रखने वाली मूली खाद्य जड़ों वाली सब्जी है, जो खाने में बेहद स्वादिष्ट और फायदेमंद होती है. मूली में विटामिन, कॉपर, कैल्शियम, मैग्नेशियम और रिबोफलेविन जैसे तत्व प्रमुख रूप में पाए जाते हैं. यह एक सदाबहार सब्जी है जो देश के ज्यादातर हिस्सों में पैदा की जाती है. यूपी, बंगाल, बिहार, पंजाब और कर्नाटक में मूली की खेती प्रमुखता से की जाती है. तो आइए जानते हैं मूली की उन्नत खेती करने के तौर तरीके.

मूली की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी (Soil for radish cultivation)

मूली की खेती के लिए 5.5 से 6.8 पीएच मान की रेतीली दोमट और भुरभुरी मिट्टी सबसे उचित मानी जाती है. मूली की खेती भारी और ठोस मिट्टी में नहीं करनी चाहिए.

मूली की प्रमुख किस्में इस प्रकार हैं (Major varieties of Radish)

जापानी वाइट मूली- ये किस्म जापान से ताल्लुक रखती है. जिसे भारत में मैदानी क्षेत्रों में नवंबर और दिसंबर महीने में उगाया जा सकता है. इसकी जड़े सफेद और बेलनाकार होती है. ये किस्म प्रति एकड़ जमीन में लगभग 160 क्विंटल की पैदावार देती है.

पूसा चेतकी- पंजाब राज्य के लिए संशोधित यह किस्म अप्रैल और अगस्त महीने में बोई जाती है. मध्यम लंबे आकार की यह मूली देखने में सफेद और नर्म जड़ों वाली
होती है. प्रति एकड़ भूमि में इसकी 105 क्विंटल पैदावार ली जा सकती है.

पूसा हिमानी-
60 से 65 दिनों में तैयार होने वाली ये किस्म जनवरी और फरवरी महीने में बोई जाती है. इस किस्म से प्रति एकड़ जमीन में 160 क्विंटल की पैदावार ली जा सकती है. यह किस्म दिखने में यूं तो सफेद होती है लेकिन शिखर पर यह हरे रंग की होती है.

पूसा देशी-
50 से 55 दिनों में तैयार होने वाली मूली की यह किस्म उत्तरी मैदानी क्षेत्रों के लिए अनुकूल है. यह भी दिखने में सफेद रंग की होती है.

पूसा रेशमी-
यह मूली की अगेती किस्म है जो 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है.

अर्का निशांत-
50 से 55 दिनों में तैयार होने वाली मूली की यह किस्म दिखने में गुलाबी और लंबी होती है.

रैपिड रेड वाइट-
यह मूली मात्र 25 से 30 दिनों में तैयार हो जाती है. यह मूली की यूरोपियन किस्म है, जिसकी जड़ें छोटी और लाल रंग की होती है लेकिन अंदर से सफेद ही रहते है.

Radish crop in india

मूली की खेती के लिए खेत कैसे तैयार करें? (Preparation of field for radish cultivation)

खेत की दो तीन बार अच्छे से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए. जिसमें लगभग 5 से 10 टन प्रति एकड़ के हिसाब से गोबर की खाद डालना उचित रहता है.

मूली की बुवाई का तरीका (Method of sowing radish)

मूली के लिए लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 7.5 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. वहीं बीज को 1.5 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए. मूली की बिजाई छिटकाव विधि से भी कर सकते हैं. प्रति एकड़ के हिसाब से मूली का 4 से 5 किलो बीज लिया जाता है. अच्छी पैदावार लेने के लिए मूली की बिजाई मेड़ों पर करनी चाहिए.

मूली की खेती के लिए खाद और उर्वरक (Compost and fertilizer for radish cultivation)

गोबर खाद के अलावा प्रति एकड़ नाइट्रोजन 25 किलो और फास्फोरस 12 किलो लेना चाहिए. इसके लिए खेत में 55 किलो यूरिया और 75 किलो सिंगल सुपर फास्फेट डालना चाहिए.

मूली की खेती के लिए सिंचाई (Irrigation for radish cultivation)

पहली सिंचाई बिजाई के बाद करें. गर्मी के दिनों में 6 से 7 दिनों के अंतराल से सिंचाई करें जबकि सर्दी में 10 से 12 दिनों के अंतर पर सिंचाई करनी चाहिए. मूली की फसल में अधिक सिंचाई करने से बचें क्योंकि इससे मूली की जड़ों पर बालों की अधिकता हो जाती है.

मूली की खुदाई (Harvesting of radish)

किस्म के अनुसार मूली 25 से 60 दिनों तक तैयार हो जाती है. हाथों से मूली उखाड़कर जड़ों को धोएं और बेचने के लिए बाजार में भेजें.

English Summary: radish cultivation in hindi
Published on: 28 November 2020, 04:06 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now