Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 27 October, 2020 4:50 PM IST
रबी मौसम में सहफसली खेती

किसानों को अच्छे उत्पादन और फसल को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए सहफसली खेती करनी चाहिए. इससे जहां कम लागत होती है वहीं अच्छा मुनाफा होता है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों को सहफसली खेती का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए. रबी के मौसम की कई फसलों की सहफसली खेती की जा सकती है. तो आइए जानते हैं इस मौसम में कौन-सी सहफसली लें.  

कैसे सहफसली का चुनाव करें (How to choose a co-crop)

सहफसली के लिए किसानों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. एक मुख्य फसल के साथ सहफसली की खेती की जाती है. इस दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दोनों फसलें एक ही जाति की नहीं होनी चाहिए. साथ ही दोनों फसलों को पोषक तत्व उपयोग करने का भूमि स्तर विपरीत होना चाहिए. ऐसी फसलों को चयन करना चाहिए कि दोनों फसलों की छाया एक दूसरे पर नहीं पड़े और कम से कम एक फसल दलहनी हो.  

इन फसलों की करें सहफसली (Harvest these crops)

1) आलू+राई (Potato + Rye)

मुख्य फसल-आलू की किस्में कुफरी अशोक, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी बहार, कुफरी ज्योति, कुफरी अलंकार एवं अन्य प्रजातियां-

सहफसल- रोहणी वरूणा नरेन्द्र राई.

कैसे लगाएं- आलू की तीन मेड़ी के बाद राई बोए. इसके लिए प्रति हेक्टेयर आलू का 20 से 25 क्विंटल और राई 1 से डेढ़ किलो बीज लें.

2) आलू+गेहूं (Potato+Wheat)

मुख्य फसल-मुख्य फसल के तौर पर आलू की उन्नत किस्में जैसे कुफरी बहार, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी ज्योति, कुफरी अलंकार एवं अन्य शीघ्र पकने वाली किस्में लें.

सहफसल-सहफसल के रूप में गेहूं कि किस्में जैसे यूपी 2338, के. 7903, पी.बी.डब्ल्यू. 373, के. 9162 या के. 9533 में किसी का चयन करें.

कैसे लगाएं-आलू की चैथी मेढ़ी की 3 कतारें गेहूं कि लगाएं. इसके लिए प्रति हेक्टेयर आलू का 20 से 25 क्विंटल और गेहूं का 40 किलो बीज लें.

3) गन्ना+तोरिया (Sugarcane + Tamarind)

मुख्य-मुख्य फसल के तौर पर गन्ने की किस्में को. पंत 84212, को. पंत 90223, को.शा. 767, को.शा. 802 समते अन्य किस्में का चुनाव करें.

सहफसल- तोरिया की किस्में जैसे पी.टी. 30, पी.टी. 303, टा. 9 तपेश्वरी.

कैसे लगाएं- 90 सेंटीमीटर की दूरी पर गन्ना लगाए और गन्ने की दो कतारों के मध्य तोरिया की दो कतारें लगाएं.

4) गन्ना+राई (Sugarcane + Rye)

मुख्य फसल-मुख्य फसल के तौर पर गन्ने की को.शा. 8315, को.शा. 7918, को.शा. 8412 लें.  

सहफसल-वरूण रोहणी नरेन्द्र राई की किस्म लें.

कैसे लगाएं-90 सेंटीमीटर की दूरी पर गन्ना लगाए. गन्ने की दो लाइनों के बीच राई की दो लाइनें बोए. इसके लिए गन्ने का प्रतिहेक्टेयर 65 से 70 किलो और राई 4 से 5 किलो बीज लें.   

English Summary: Rabi season Sehfasli farming in hindi
Published on: 27 October 2020, 04:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now