किसानों को अच्छे उत्पादन और फसल को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए सहफसली खेती करनी चाहिए. इससे जहां कम लागत होती है वहीं अच्छा मुनाफा होता है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों को सहफसली खेती का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए. रबी के मौसम की कई फसलों की सहफसली खेती की जा सकती है. तो आइए जानते हैं इस मौसम में कौन-सी सहफसली लें.
कैसे सहफसली का चुनाव करें (How to choose a co-crop)
सहफसली के लिए किसानों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. एक मुख्य फसल के साथ सहफसली की खेती की जाती है. इस दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दोनों फसलें एक ही जाति की नहीं होनी चाहिए. साथ ही दोनों फसलों को पोषक तत्व उपयोग करने का भूमि स्तर विपरीत होना चाहिए. ऐसी फसलों को चयन करना चाहिए कि दोनों फसलों की छाया एक दूसरे पर नहीं पड़े और कम से कम एक फसल दलहनी हो.
इन फसलों की करें सहफसली (Harvest these crops)
1) आलू+राई (Potato + Rye)
मुख्य फसल-आलू की किस्में कुफरी अशोक, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी बहार, कुफरी ज्योति, कुफरी अलंकार एवं अन्य प्रजातियां-
सहफसल- रोहणी वरूणा नरेन्द्र राई.
कैसे लगाएं- आलू की तीन मेड़ी के बाद राई बोए. इसके लिए प्रति हेक्टेयर आलू का 20 से 25 क्विंटल और राई 1 से डेढ़ किलो बीज लें.
2) आलू+गेहूं (Potato+Wheat)
मुख्य फसल-मुख्य फसल के तौर पर आलू की उन्नत किस्में जैसे कुफरी बहार, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी ज्योति, कुफरी अलंकार एवं अन्य शीघ्र पकने वाली किस्में लें.
सहफसल-सहफसल के रूप में गेहूं कि किस्में जैसे यूपी 2338, के. 7903, पी.बी.डब्ल्यू. 373, के. 9162 या के. 9533 में किसी का चयन करें.
कैसे लगाएं-आलू की चैथी मेढ़ी की 3 कतारें गेहूं कि लगाएं. इसके लिए प्रति हेक्टेयर आलू का 20 से 25 क्विंटल और गेहूं का 40 किलो बीज लें.
3) गन्ना+तोरिया (Sugarcane + Tamarind)
मुख्य-मुख्य फसल के तौर पर गन्ने की किस्में को. पंत 84212, को. पंत 90223, को.शा. 767, को.शा. 802 समते अन्य किस्में का चुनाव करें.
सहफसल- तोरिया की किस्में जैसे पी.टी. 30, पी.टी. 303, टा. 9 तपेश्वरी.
कैसे लगाएं- 90 सेंटीमीटर की दूरी पर गन्ना लगाए और गन्ने की दो कतारों के मध्य तोरिया की दो कतारें लगाएं.
4) गन्ना+राई (Sugarcane + Rye)
मुख्य फसल-मुख्य फसल के तौर पर गन्ने की को.शा. 8315, को.शा. 7918, को.शा. 8412 लें.
सहफसल-वरूण रोहणी नरेन्द्र राई की किस्म लें.
कैसे लगाएं-90 सेंटीमीटर की दूरी पर गन्ना लगाए. गन्ने की दो लाइनों के बीच राई की दो लाइनें बोए. इसके लिए गन्ने का प्रतिहेक्टेयर 65 से 70 किलो और राई 4 से 5 किलो बीज लें.