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Updated on: 22 August, 2023 3:18 PM IST
Pusa Mridula radish variety will get more production

Radish Variety: देश हो  या विदेश हो शादी समारोह में सलाद के बिना खाने का मजा नहीं होता है. इसलिए अकसर आपको हर छोटे से छोटे कार्यक्रम में मूली सलाद के रुप में मिल ही जाएगी. क्योंकि मूली सलाद का अहम हिस्सा होती है. ज्यादातर किसान सर्दियों में ही मूली की बुवाई करते हैं, लेकिन अगर किसान भाई को मूली की खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमाना है तो मूली की अगेती बुवाई करनी चाहिए. वहीं आपकों बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने मूली की कई किस्में विकसित की हैं. इनमें पूसा चेतकी और पूसा मृदुला की खेती कर सकते हैं.

पूसा चेतकी और पूसा मृदुला किस्म की खेती कम समय में जल्दी तैयार हो जाती हैं. इस किस्म की मूली के पत्ते एक समान रुप से हरे और बिना कटे हुए होते हैं और इसके पत्तों का इस्तेमाल सब्जी के रुप में किया जा सकता है. यह किस्म 35 से 40 दिन में बुवाई के बाद तैयार हो जाती है. पूसा चेतकी की जड़ 25 से 30 सेंटीमीटर लंबी होती हैं, खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है.

पूसा मृदुला

अकसर आपने देखा होगा कि मूली हमेशा लम्बे आकार की होती है. लेकिन मूली की यह किस्म गोल आकार की लाल रंग की होती है. साथ ही ये किस्म बहुत कम समय में तैयार हो जाती है. इसके तैयार होने का जो समय है वो 28 से 32 दिन है. मूली जड़ वाली फ़सल होती है, इसलिए बलुई या दोमट मिट्टी इसकी बुवाई के लिए बढ़िया मानी जाती है. इनकी बुवाई मेड़ पर भी कर सकते हैं. सबसे पहले बीजोपचार ज़रूर कर लें. वहीं ऐसे ख़ेत में बुवाई करें जहां जलभराव न होता हो. बुवाई के तुरंत बाद पेंडीमेथिलीन नामक खरपतवार नाशक का छिड़काव करें. 20 किलोग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के समय देना चाहिए, जिससे जड़ों की अच्छी वृद्धि हो सके.

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घर में उगाएं मूली

शहरी क्षेत्रों में किचन गार्डन में इसकी खेती कर सकते है. किसी छोटे गमले में भी मूली तैयार की जा सकती है. पूसा चेतकी की बिजाई किसान  15 जुलाई से आरम्भ करके 15 सितम्बर तक खेतों में कर सकते हैं, जबकि मृदुला को किसान 20 अगस्त शुरू करके नवम्बर के मध्य तक लगाया जा सकता है.

English Summary: Pusa Mridula radish variety will get more production
Published on: 22 August 2023, 03:25 PM IST

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