देश का ताज और धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को वहां उगने वाले केसर और सेब के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि कश्मीर जैसा सेब पूरे देश में कहीं पर भी पैदा नहीं होता है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. पंजाब के होशियारपुर के किसान गुरमिंदर सिंह ने इस नामुमकिन काम को मुमकिन करके दिखाया है. दरअसल गुरमिंदर ने अपने गांव चोहल में एक नहीं बल्कि पांच एकड़ के करीब कश्मीरी सेब की पैदावार अन्य किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है.
ख्बाव जो कि हकीकत बना
अगर किसी भी काम को सच्ची लगन और मेहनत से किया जाए तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता है. इसीलिए पंजाब के होशियारपुर के किसान गुरमिंदर सिंह ने कभी कश्मीर की वादियों में जाकर एक ख्बाव देखा था कि बिल्कुल कश्मीर के सेब जैसी खेती उनके शहर होशियारपुर में भी हो पाएगी. इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है और आखिरकार वह अपने सपने को पूरा करने में कामयाब भी हुए हैं .
होशियारपुर में लगाए सेब के बूटे
उन्होंने चार किस्म का चयन किया जो 150 से 200 ठंडक तक पैदा हो सकती है. जबकि हिमाचल और कश्मीर में 1800 से 2200 गेंट ठंडक चाहिए. पंजाब के होशियारपुर में तापमान 150 से 200 के समान होता है. यहां पर उपज आसानी से पैदा की जा सकती है. इसके बाद गुरिंदर सिंह ने होशियारपुर में अपने फार्म में 450 बूटे लगा दिए है. उन्होंने अपनी पहली फसल 90 रूपये के हिसाब से बेची है. जबकि एक बूटे से 30 से 35 किलो सेब पैदा होता है. वह बीच में श्रीनगर गए थे जिसके बाद उन्होंने सेब की फसल को पैदा करने के बारे में सोचा और उन्होंने सेब की किस्म के बारे में पूरी जानकारी को हासिल किया है.
सरकार से नहीं मिली कोई सब्सिडी
गुरिंदर के मुताबिक कुन्निकी फसल से इस फसल में अधिक फायदा है. मेहनत अन्य फसल जैसी ही है लेकिन इसमें ज्यादा फायदा है. सिंह का कहना है कि सरकार ने इस पर कोई भी सब्सिडी को प्रदान नहीं किया है लेकिन उम्मीद है आने वाले समय में सरकार इस पर कोई निर्णय ले सकती है. केवल गुरिंदर सिंह ही नहीं इनसे प्रेरित होकर सेना में डयूटी कर रहे कर्नल आरपी सिंह भी अब इस कार्य से जुड़ चुके है. वह दो एकड़ में सेब की फसल पैदा कर रहे हैं. यह अपने आप में एक बेहतरीन शुरुआत है.