अनार (Pomegranate) खाने के अनगिनत फायदे हैं. अनार के लाल दानों में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन के और विटामन बी भरपूर मात्रा में हता है. इसमें आयरन, जिंक, पोटेशियम, ओमेगा-6, फैटी एसिड जैसे पोषक भी काफी मात्रा में रहते हैं. इसके फायदों के बारे में जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर अनार किसानों के जीवन में किस तरह मिठास ला सकता है. कैसे इजराइली तकनीक (Israeli Technology) के जरिए अनार की बागवानी कर किसान कई गुना ज्यादा मुनाफा कम रहे हैं.
राजस्थान के उन जिलों में जहां खेती करना आसान नहीं था, किसानों ने इजराइली पद्धति से अनार की बागवानी साबित कर दिया कि सच्चे मन से कुछ करें तो कामयाबी आपके कदम चूमती है. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के झालावाड़ जिले की, यहां के मनोहरथाना क्षेत्र के छोटे से गांव गरबोलिया में एक किसान ने तकनीकी का इस्तेमाल कर अनार की बागवानी शुरू की. किसान ने इजराइल तकनीक से बंजर जमीन पर अनार के 200 पौधें लगाएं, अब वो अनार के इन बागों में टमाटर समेत कई अन्य फसलें भी उगाते हैं. इस तरह गरबोलिया गांव के धीरेंद्र कुमार कई गुना मुनाफा कमा रहे हैं. इसमे सबसे बड़ी बात तो ये है कि अनार की बाजार में मांग और कीमत बहुत अच्छी है और दूसरे वो कम अवधि वाली सब्जियां बोकर अच्छी कमाई कर लेते हैं.
किसान का कहना है कि वो अपनी बंजर जमीन से कुछ नहीं उगा पाते थे, उन्होंने एक बार कृषि विज्ञान केंद्र (Agricultural Science Center) के वैज्ञानिक रामराज मीणा से संपर्क किया. कृषि वैज्ञानिक ने उन्हें इजराइल पद्घति से ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation) के जरिए खेती करने की सलाह दी, और अनार की बागवानी (Pomegranate Gardening) करने को कहा. इसके बाद थोड़ी महनत करके इस किसान के अच्छे दिन शुरू हो गए.
कम लागत ऐसे करें अनार की बागवानी
आपको बता दें कि किसान धीरेंद्र कुमार ने अनार के पौधे खरीदने से लेकर, रोपाई और ड्रिप सिंचाई तक पर केवल 25 हजार रुपए खर्च किए थे, अब वो खेत में खड़े अनार के 200 पौधों से 15 क्विंटल अनार लेते हैं.
यहां होता है अरबों के अनार का उत्पादन
इसी तरह राजस्थान में भारत-पाक बॉर्डर पर स्थित बाड़मेर में विकट परिस्थितियों की वजह से किसान अच्छी पैदावार नहीं ले पा रहे थे. बालोतरा के पास स्थित बुड़ीवाड़ा में किसानों ने सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना की मदद से 32 हेक्टेयर में अनार की बागवानी शुरू की. यहां 2010 से शुरू हुआ अनार की बागवानी का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है. जब से अब तक 5 हजार से ज्यादा किसान करीब 7500 हेक्टेयर में अनार की खेती कर भारी मुनाफा कमा रहे हैं. करीब 5 हजार हेक्टेयर में प्रतिवर्ष 1.04 लाख मैट्रिक टन अनार का उत्पादन होता है. अकेले बाड़मेर जिले में अनार की बागवानी से हर साल 4-5 अरब की कमाई की जा रही है.
Drip Irrigation: क्या है ड्रिप सिंचाई (इजराइल पद्धति)
ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल उन स्थानों पर किया जाता है जहां पानी की कमी होती है, या ये पद्धिति पानी और पैसों को बचाने के लिए उपयोग में लाई जाती है. इजराइल की ये टपकन सिंचाई विधि का इस्तेमाल अब भारत में भी किया जा रहा है. इस तकनीक से ना सिर्फ पानी और पैसों की बचत होती है बल्कि संतुलित पानी मिलने से फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है.
Contact: अनार की बागवानी के लिए यहां करें सपर्क
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अपने जिले में कृषि केंद्रों पर जाकर कृषि वैज्ञानिक से बात कर सकते हैं.
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अगर संभव हो सके तो ऊपर दिए गए लेख में मौजूद सफल किसानों से संपर्क कर सकते हैं.