देशभर में फिर सक्रिय हुआ मानसून, दिल्ली, हरियाणा और यूपी समेत इन राज्यों में भारी बारिश और तूफान का अलर्ट PM Kisan: किसानों के खातों में सीधे पहुंचे 3.69 लाख करोड़ रुपये, हर खेत के लाभार्थी तक पहुंचा पैसा PM Kisan Yojana: पीएम किसान की 20वीं किस्त की तारीख का ऐलान, इस दिन आएगी आपके खाते में रकम! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 April, 2024 11:31 AM IST
बंपर कमाई के लिए करें मेंथा की खेती

Peppermint Farming: भारतीय किसानों के बीच हर्बल पौधों की खेती जोर पकड़ रही है. कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए छोटे से लेकर बड़े किसान हर्बल पौधों की खेती कर रहे हैं. देश में हर्बल प्रोडक्ट्स की सबसे अधिक डिमांड रहती है, जिससे किसान अच्छा कमाई कर रहे हैं. मेंथा (Mint) एक ऐसा पौधा है, जिससे सुगंधित इत्र और महंगी- महंगी दवाइयां बनाई जाती हैं. पुदीना की खेती करके किसान कम समय में ही अधिक कमाई कर सकते हैं.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, मेंथा की खेती से किसानों को कितना फायदा हो सकता है.

मेंथा की खेती

पुदीना की खेती करने के लिए किसानों की लागत बहुत कम आती है, जबकि इससे होने वाले मुनाफे की बात करें, तो किसान इसकी लागत से तीन गुना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. मेंथा की खेती करने से खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति में भी बढ़ोतरी होती है. आपको बता दें, उत्तर प्रदेश के बदायूं, बाराबंकी, रामपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और फैजाबाद सहित कई जिलों में पुदीना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत

मेंथा जिसे किसानों के बीच मिंट और आम लोगों के बीच पुदीना नाम से पहचाना जाता है. इसका उपयोग दवाइयों में किया जाता है. कई जगहों पर मिंट के तेल का इस्तेमाल करके ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और कैंडी को बनाया जाता है. बता दें, भारत मेंथा के तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है.

ये भी पढ़ें: गमले में बैंगन लगाना है बेहद आसान, बस इन 3 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी भरपूर पैदवार

प्रति हेक्टेयर 100 लीटर तक तेल का उत्पादन

मेंथा की बुवाई के लिए फरवरी से लेकर अप्रैल तक के महीनों को सबसे उपयुक्त माना जाता है. किसानों को मिंट की बुवाई करने से पहले खेतों की जुताई अच्छे से कर लेनी चाहिए. किसानों को इसकी सिंचाई के लिए भी पूरी व्यवस्था करनी चाहिए. बुवाई के बाद जून के महीने में मेंथा की फसल की कटाई की जा सकती है. बता दें, मिंट की खेती के लिए पानी की बेहद आवश्यकता होती है. कटाई के बाद किसानों को इसकी फसल को धूप में सुखाना होता है और इसके बाद प्रोसेसिंग के द्वारा तेल निकाला जाता है. किसान मेंथा की खेती से एक हेक्टेयर जमीन से लगभग 100 लीटर तक तेल का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

तीन गुना मुनाफा

किसान अगर एक हेक्टेयर में मेंथी की खेती करते हैं, तो इसकी बुवाई में लगभग 25 हजार रुपये तक का खर्च आ जाता है. भारतीय मार्केटों में मिंट के तेल का रेट लगभग 1000 से 1500 रुपये किलो है. यदि आप इसके 100 किलो तेल का उत्पादन करते हैं, तो आसानी से लागत का 3 गुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

English Summary: peppermint farming tips benefits of mentha farming se hogi farmers ki achi kamai
Published on: 15 April 2024, 11:36 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now