Paddy Varieties: भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अर्थव्यवस्था में धान की फसल/ Paddy Crop का विशेष योगदान है. देश के लाखों किसान हर साल खरीफ सीजन में धान की खेती/ Paddy Cultivation in Kharif Season करते हैं. लेकिन आज सिर्फ अधिक उपज ही नहीं, बल्कि पोषण गुणवत्ता भी खेती का एक अहम हिस्सा बन चुकी है. इसी दिशा में वैज्ञानिकों ने बायोफोर्टिफिकेशन तकनीक/ Biofortification Techniques के ज़रिए धान की कुछ खास किस्मों का विकास किया है, जो सिर्फ उत्पादन ही नहीं, बल्कि पोषण में भी काफी समृद्ध हैं.
क्या है बायोफोर्टिफिकेशन? (What is Biofortification?)
बायोफोर्टिफिकेशन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें पारंपरिक या आधुनिक तकनीकों के माध्यम से फसलों की पौष्टिक गुणवत्ता को बेहतर बनाया जाता है. खासतौर पर इसमें चावल जैसी फसलों में प्रोटीन, जिंक और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाया जाता है. इससे खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कुपोषण से लड़ने में मदद मिलती है.
अगर आप किसान हैं और खरीफ सीजन में धान की खेती/Dhan ki kheti की योजना बना रहे हैं, तो इन 7 बायोफोर्टिफाइड किस्मों पर एक नज़र डालना ज़रूरी है—
धान की इन 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में/ 7 Biofortified Paddy Varieties
1. सीआर धान 310 (CR Dhan 310)
- प्रोटीन: 10.3% (सामान्य किस्मों से अधिक)
- उपज: 45.0 क्विंटल/हेक्टेयर
- परिपक्वता: 125 दिन
- अनुकूल राज्य: ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश
- विकासकर्ता: आईसीएआर - राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक
यह किस्म उन किसानों के लिए उपयुक्त है जो सिंचित मध्यम प्रारंभिक परिस्थितियों में खेती करते हैं.
2. डीआरआर धान 45 (DRR Dhan 45)
- जिंक: 22.6 पीपीएम
- उपज: 50.0 क्विंटल/हेक्टेयर
- परिपक्वता: 130 दिन
- अनुकूल राज्य: कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना
- विकासकर्ता: आईसीएआर - भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद
यह किस्म वर्ष 2016 में जारी हुई थी और इसकी विशेषता इसकी जिंक-समृद्ध गुणवत्ता है.
3. डीआरआर धान 48 (DRR Dhan 48)
- उपज: 52.0 क्विंटल/हेक्टेयर
- परिपक्वता: 138 दिन
- अनुकूल राज्य: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल
- वर्ष: 2018
यह किस्म खरीफ में सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और उच्च उत्पादन देती है.
4. डीआरआर धान 49 (DRR Dhan 49)
- जिंक: 25.2 पीपीएम
- उपज: 50.0 क्विंटल/हेक्टेयर
- परिपक्वता: 130 दिन
- अनुकूल राज्य: गुजरात, महाराष्ट्र, केरल
यह किस्म रबी और खरीफ दोनों सीजन में उपयुक्त है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी देखी जाती है.
5. जिंको राइस एम.एस. (Ginkgo Rice MS)
- जिंक: 27.4 पीपीएम (सभी में सबसे अधिक)
- उपज: 58.0 क्विंटल/हेक्टेयर
- परिपक्वता: 135 दिन
- अनुकूल राज्य: छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा
- विकासकर्ता: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
यह वर्षा आधारित और सिंचित दोनों प्रकार की भूमि के लिए उपयुक्त है.
6. सीआर धान 311 (मुकुल) - CR Dhan 311 (Mukul)
- प्रोटीन: 10.1%
- जिंक: 20.1 पीपीएम
- उपज: 46.2 क्विंटल/हेक्टेयर
- परिपक्वता: 124 दिन
- अनुकूल राज्य: ओडिशा
इस किस्म को वर्षा आधारित उथली व मध्यम भूमि के लिए विकसित किया गया है.
7. सीआर धान 315 (CR Dhan 315)
- जिंक: 24.9 पीपीएम
- उपज: 50.0 क्विंटल/हेक्टेयर
- परिपक्वता: 130 दिन
- अनुकूल राज्य: महाराष्ट्र, गुजरात
यह किस्म खरीफ के दौरान सिंचित क्षेत्रों के लिए बेहतरीन विकल्प है.