Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 20 June, 2023 11:24 AM IST
अच्छा उत्पादन पाने के लिए इन सावधानियों को बरतें

धान की खेती से अधिक लाभ पाने के लिए किसान भाइयों को कई तरह की सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए. तभी वह अपनी फसल से समय पर अच्छा उत्पादन व लाभ पा सकते हैं. इस कड़ी में देश के कई कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) भी किसानों की मदद के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं. ये ही नहीं सरकार ने भी किसानों की भलाई के लिए कई तरह की बेहतरीन योजना को लागू किया हुआ है, ताकि किसी कारणवश से किसानों को उनकी फसल से नुकसान होता है, तो वह इन स्कीम में शामिल होकर फायदे उठा सकते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्यादातर किसानों ने अपने खेत में धान के बीज को लगाना शुरु कर ही दिया है. ये ही नहीं कुछ खेतों में तो धान की नर्सरी का काम भी तेजी से किया जा रहा है. लेकिन जिन किसानों ने अभी तक अपने खेतों में धान के बीजों की बुवाई (Sowing of Rice Seeds) नहीं की है, तो वह इन्हें डालने से पहले खेत व बीज दोनों का सही तरीके से उपचार कर लें. ताकि फसल उत्पादन में उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

 धान के बीज खेत में लगाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

  • सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई करें.

  • इसके बाद खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति व रोग के उपचार के लिए इसमें कम से कम एक कट्ठा जमीन में (3 डिसमिल) में 1.5 किलोग्रामDAP 2 किलोग्राम पोटाश डालें.

  • साथ ही खेत में सड़ी गोबर की खाद (Rotted Manure) और 10 किलोग्राम वर्मी कंपोस्ट (Vermicompost) , 2 से 3 किलोग्राम नीम की खली भी डालनी चाहिए.

  • इतना करने के बाद किसानों को खेत में अलग-अलग बेड बनाएं.

  • अंत में इसमें आपको बीज को डालना है.

ऐसे करें बीज उपचार

अब आपने खेत की मिट्टी का उपचार तो कर लिया है, लेकिन अभी बीजों का उपचार करना बाकी है. इसके लिए आपको अधिक कुछ करने की जरूरत नहीं है. बस आपको इसके उपचार के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और स्ट्रप्लोसाइक्लिन आदि की आवश्यकता पड़ेगी.

बता दें कि 30 किलोग्राम बीज में 100 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और 6 ग्राम स्ट्रप्लोसाइक्लिन को पानी में 5-6 घंटों के लिए मिलाकर छोड़ देना है.

कीड़ों के प्रकोप से बचाने के लिए बीजों पर क्लोरपीरिफॉस 250 मिलीलीटर 20% घोल के साथ छिड़काव करना चाहिए.

इसके अलावा दवाओं का इस्तेमाल करने के बाद बीजों को 5-6 घटों के बाद किसी भी छायादार स्थान पर प्लास्टिक की चादर पर फैलाकर गीले जूट के बोरे में अच्छे तरीके से ढक कर छोड़ दें.

ये भी पढ़ें: खेत के साइज़ के अनुसार अपनाएं यह सिंचाई प्रणाली, कभी नहीं बर्बाद होगा पानी

घास व खरपतवार से ऐसे बचाएं

अक्सर देखा गया है कि धान की नर्सरी में घास व खरपतवार उग जाती है, जो फसल के लिए लाभदायक नहीं होती हैं. इसके बचाव के लिए आपको इसमें पाइराजोसल्फ्यूरान ईथाइल घुलनशील चूर्ण के साथ पानी में हल्का घोलकर और बालू में मिलाकर किसी भी छायादार स्थान पर रखना चाहिए. इसके बाद इसे आप खेत में छिड़काव कर सकते हैं.

English Summary: Paddy Nursery: Take these precautions before planting paddy seeds in the field, otherwise there will be loss in the crop
Published on: 20 June 2023, 11:31 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now