अगले 48 घंटों के दौरान यूपी-पंजाब समेत इन 8 राज्यों में आंधी और बारिश का अलर्ट, पढ़ें IMD की लेटेस्ट रिपोर्ट! धान की इस किस्म से किसानों को मिल रहा जबरदस्त फायदा, 110 दिनों में होती है तैयार, प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता 32 क्विंटल तक! Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 5 February, 2022 10:54 PM IST
चने में लट रोग से ऐसे करें बचाव

बरसात के मौसम में बारिश का पानी फसलों के लिए अत्यधिक लाभदायक होता है. लेकिन यही बारिश का पानी जब बेमौसम फसलों पर गिरे तो यह फसलों के लिए बहुत हानिकारक होता है. यह फसलों में कई तरह के रोग पैदा कर देता है.

जिससे फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को उनकी फसल से अच्छी उपज के साथ–साथ अच्छी गुणवत्ता भी प्राप्त नहीं होती. ऐसी ही एक खबर राजस्थान के चिड़ावा शहर से आई है. जहाँ किसानों ने इन दिनों अपने खेत में चने की बुवाई की हुई है. लेकिन वहाँ पर कई दिनों से छाए बादल और रुक-रुक कर हो रही बारिश फसल के लिए हानिकारक हो सकती है.

कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह  (Agri-Scientists gave advice)

इस वजह से जिले के कृषि विभाग वैज्ञनिकों ने किसानों को लट रोग के प्रति चेतावनी के साथ ही उन्हें जरुरी सलाह भी दी है.कृषि वैज्ञनिकों का कहना है कि इस बदलते मौसम की वजह से चने की फसल में लट रोग (Braid Disease ) लगने की अधिक सम्भावना है. यह बदलता मौसम चने की फसल (Gram Crop) के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है. इसकी वजह से चने की फसल में कई तरह के रोग का प्रकोप बढ़ सकता है. ऐसे में किसान रसायनिक दवा (Chemical Drug) का इस्तेमाल कर फसल को रोग के खतरे से बचाव कर सकते हैं.

इसे पढ़ें - फरवरी माह में खेती में रखें इन बातों का ध्यान, बढ़ेगा फसल का उत्पादन

वैज्ञानिकों के द्वारा दी गयी सलाह के अनुसार फसल में एक लीटर पानी में ढाई एमएल मेलाथियान दवा (Malathion In Medicine ) मिलाकर चने की फसल में स्प्रे करें. साथ ही इस दवा के अलावा इंडेक्सोकार नाम की दवा की एमएल मात्रा को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में ही अगर किसान फसलों में स्प्रे करते हैं 70 से 80 फीसदी तक लट प्रकोप से फसल को बचाया जा सकता है. मौसम में बदलाव की वजह से फसल में शुरुआती समय में फिडकली नामक लट का प्रकोप होता है. जो इस दवा स्प्रे के माध्यम से इस प्रकोप को रोका जा सकता है. अगर ये लट अगले स्टेज तक जा पहुंची तो फिर ये फसल को नष्ट कर देगी क्योंकि उस स्टेज पर कोई दवा फसल पर लगे कीट पर असर नहीं कर सकती.

English Summary: Outbreak of braided disease increasing in gram crop, spray these medicines to save
Published on: 05 February 2022, 12:31 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now