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Updated on: 28 October, 2020 2:55 PM IST

नींबू वर्गीय पेड़ की श्रेणी में नींबू, संतरा, नारंगी, किन्नु तथा माल्टा आते है. नींबू वर्गीय पेड़ की पत्तियों पर पीले भूरे रंग के गोलाकार धब्बे किनारों पर दिखाई देती है. इन धब्बों का केन्द्र धीरे-धीरे धुमैल रंग के होते जाते है. एन्थ्रेक्नोज के कारण पौधे की कलियों काले रंग की चितियाँ बन जाती है. पत्तियों पर पीले भूरे धब्बे बन जाते है; फलों पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं. प्राय: बड़ी टहनियां भी सूखने लगती है अन्तः में पूरा पेड़ ही सुख जाता है. यह रोग अधिक आर्द्रता एवं 25-28 डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान में अधिक प्रकोपित होता है.

निवारण उपाय

  • कम वर्षा वाले स्थानों का चुनाव करना चाहिए तथा पौधों के बीच में पर्याप्त दूरी रखनी चाहिए.

  • खेतों को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए तथा जल निकासी व्यवस्था को अच्छी करते रहना चाहिए.

  • सुखी हुई शाखाओं को काट देना चाहिए और उस स्थान पर बोर्डो मिक्सचर या अन्य कॉपर युक्त कवकनाशी का लेप लगाना चाहिए. 

  • ऐसे पेड़ पर कार्बेन्डाजिम 12% + मेंकोजेब 63% WP 50 ग्राम या क्लोरोथालोनिल 75% WP  30 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर 15-20 दिन के अन्तराल पर तीन बार छिड़काव करना चाहिए.

  • जैविक उपचार के माध्यम से स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 50 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी के साथ छिड़काव भी किया जा सकता है.  

  • ओज या पेड़ की हरियाली बढ़ाने के लिए यूरिया खाद को 100 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर पेड़ पर छिड़काव करना चाहिए. 

  • 2 किलो कॉपर सल्फेट तथा 2 किलो बुझा हुआ चुना मिलाकर 100 लीटर पानी के साथ प्रयोग करने से भी प्रभावशाली रोग नियंत्रण होता है. 

English Summary: Outbreak of anthracnose disease in Citrus crops
Published on: 28 October 2020, 03:01 PM IST

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