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Updated on: 28 September, 2020 11:14 AM IST
Narendra modi

कृषि विधेयक 2020 को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. इन विरोध प्रदर्शनों में किसान कम, विपक्षी पार्टी के नेता ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. बिहार में राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्रैक्टर चलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान ट्रैक्टर के ऊपर लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव बैठे नजर आए. यहीं हाल पंजाब में अपने वजूद को बचाने में जुटी शिरोमणि अकाली दल का है. ट्रैक्टर चलाकर सुखबीर सिंह बादल धरनास्थल पहुंचे. उनके साथ ट्रैक्टर पर हरसिमरत कौर भी बैठी नजर आईं. इस मामले में कांग्रेस भी किसी से कम नहीं है. वह पंजाब, हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में कृषि विधेयक के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाल चुकी है. हालांकि, देश में UPA के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की.

NCRB की रिपोर्ट की मानें तो 2019 में 10,281 किसानों ने आत्महत्या की है, जो पिछले 25 सालों में सबसे कम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ इच्छाशक्ति का ही नतीजा है कि आज देश के किसानों को नीम कोटेड यूरिया मिल रहा है. नहीं तो एक समय ऐसा था जब यूरिया के लिए किसानों को लंबी-लंबी कतारे लगानी पड़ती थी. फिर भी कई किसानों को यूरिया नसीब नहीं होता था, क्योंकि यूरिया पर बिचौलियों ने कब्जा कर लिया था. तब विपक्ष ने नीम कोटेड यूरिया को लेकर सवाल खड़े किए थे और आज कृषि विधेयक को लेकर भी विपक्ष प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा कर रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कह रहे हैं कि कृषि विधेयक 2020 किसानों के हित में है. उन्होंने 27 सितंबर 2020 को मन की बात में कहा कि इस विधेयक के जरिए किसान अपने फल-सब्जियों को कहीं भी और किसी को भी बेच सकता है. इससे नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. साथ ही बिचौलिया नहीं होंगे, जिसका सीधा लाभ किसानों और उपभोक्ताओं को होगा.

'यह सिर्फ उनकी राजनीतिक मजबूरी थी'

कुछ दिन पहले अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद शनिवार को अकाली दल ने NDA का साथ छोड़ दिया. अकाली दल 1998 से ही NDA का हिस्सा था. अकाली दल के NDA छोड़ने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनकी राजनीतिक मजबूरी थी. तो यहां सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कौन-सी मजबूरी थी? इसके पीछे कहीं सत्ता का लोभ तो नहीं छिपा है.

पंजाब में फरवरी-मार्च 2022 में चुनाव होने हैं. पहले से ही हाशिए पर अकाली दल किसी तरह किसानों को बरगला कर सत्ता हासिल करना चाहती है. पंजाब में खेती से जुड़े लोगों की संख्या अधिक है. यहीं कारण है कि आज अकाली दल उन्हें बरगलाने की प्रक्रिया में लगा है. पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल ने यहां तक कहा कि 'हर अकाली किसान है और हर किसान एक अकाली है'.  किसानों को यहां सजग रहने की जरूरत है. उन्हें झूठ और छल का एहसास खुद करना होगा. इसी में किसानों की भलाई है.

English Summary: Opposition leader protest against Farm bill and PM Modi message to farmers
Published on: 28 September 2020, 11:18 AM IST

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