NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 19 October, 2020 5:50 PM IST
Mustard Cultivation

अगर किसान रबी सीजन में सरसों की उन्नत किस्मों की बुवाई करते हैं, तो उन्हें फसल से अधिक उत्पादन और मुनाफा प्लेराप्त हो सकता है. इसके लिए किसानों को सरसों की उन्नत किस्मों का ज्ञान होना ज़रूरू है. 

एक ऐसी ही उन्नत किस्म आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र भरपुर के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. इस किस्म की बुवाई के प्रति लगातार किसानों को जागरुक किया जा रहा है. इस किस्म को एनआरसीएचबी-101 के नाम से जाना जाता है.

एनआरसीएचबी-101 किस्म की खासियत (Features of NRCHB-101 Variety)

इस किस्म की बुवाई से उत्पादन सामान्य सरसों बीज की तुलना में 5 क्विंटल तक अधिक होता है. बता दें कि सामान्य सरसों का उत्पादन 20 क्विंटल तक होता है, जबकि एनआरसीएचबी-101 किस्म से किसानों को 25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त हो सकता है. 

इसके अलावा दूसरी किस्म आवीएम-2 (राजविजय मस्टर्ड-2) को भी उन्नत की श्रेणी में रखा जाता है. इस किस्म से किसानों को 20 से 25 क्विंटत तक उत्पादन प्राप्त हो सकता है. बता दें इन दोनों ही किस्मों का बीज 60 से 85 रुपए प्रति किलो तक में उपलब्ध होता है, जबकि बाजार में इसका भाव 250 से 400 रुपए किलो तक होता है.

सरसों की खेती में सल्फर का प्रयोग (Use of sulfur in mustard cultivation)

जो किसान सरसों की खेती करते हैं, उनके लिए सल्फर का प्रयोग करना काफी जरूरी होता है. इससे तेल की गुणवत्ता सही होती है, साथ ही फसल में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसके अलावा मृदा सुधार भी होता है. 

यह खबर भी पढ़ें: सरसों की उन्नत किस्म हुई विकसित, जानिए खासियत

बता दें कि इस किस्म की सरसों में 38 की जगह 41 प्रतिशत तक तेल की मात्रा मिलती है. इसका उत्पादन भी 25 से 30 क्विंटल तक मिल जाता है. इसके बीज भी किसानों को 4 से 5 गुना कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाते हैं. किसानों की इस किस्म की बुवाई शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि यह समय इसकी खेती के लिए उपयुक्त है और मौसम भी अनुकूल है. अभी इसके लिए पलेवा की जरूरत नहीं है.

English Summary: NRCHB-101 variety of mustard will produce 5 quintals more
Published on: 19 October 2020, 05:53 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now