Success Story: चायवाला से उद्यमी बने अजय स्वामी, मासिक आमदनी 1.5 लाख रुपये तक, पढ़ें सफलता की कहानी ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान इन बातों का रखें ध्यान, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान! ICAR ने विकसित की पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की किस्म, 100 क्विंटल तक मिलेगी पैदावार IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 16 July, 2019 4:33 PM IST

अगर आप जामुन को खाने के शौकीन है और केवल इस सोच से आप पौधे नहीं लगाना चाहते है कि पेड़ को तैयार होने में और फल आने में 10 वर्ष या उससे अधिक का वक्त लगेगा तो इस ख्याल को अब आप अपने मन से बाहर निकाल दीजिए. दरअसल छत्तीसगढ़ कृषि महाविद्यालय और अनुसंधान केंद्र कांकेर ने अपने अनुसंधान से जामुन के छह किस्म के जीनोटाइप पौधे तैयार कर लिए है. इन पौधों में केवल तीन वर्षों के अंदर ही फल आने लग जाएंगे. अनुसंधान के तहत कांकेर, कोड़ागांव, जगदलपुर के विभिन्न गांवो, जंगलों में सर्वेक्षण किया गया है. जामुन के 60 जीनोटिप का अनुसंधान करके छह किस्म के जीनोटाइप को तैयार कर लिए गए है. इनमे 50 से 60 किलोग्राम फल से प्रति वृक्ष पैदावर होगी. अभी तक राज्य में जामुन का ऐसा पेड़ नहीं है.

अनुसंधान में बेहतर परिणाम

चयनित पेड़ों का पासपोर्ट डेटा एक जीपीएस के सहारे इनको एकत्र किया गया है. इनमें पेड़ की ऊंचाई, घेरा, फूल आने का समय, फल-फूलों की संख्या, फलों की लंबाई और चौड़ाई, वजन, गुदा का वजन, गुठली का वजन और रासायनिक विश्लेषण, विटामिन सी, शर्करा का अनुसंधान किया गया है. डॉ नाग बताते है कि 60 जीनोटाइप में से छह के परिणाम काफी अच्छे आए है.

अनुमोदन के बाद खेती

महाविद्यालय में जामुन के पौधे तैयार किए जा रहे है. इसका सभी कृषि अनुसंधान केंद्रों में परीक्षण किया जाता है. इसके बाद जामुन की किस्म को अनुशासित समिति के माध्यम से अनुमोदन किया जाएगा. इसके बाद ही किसानों को यह उपलब्ध करवाया जाएगा और इसकी खेती को किया जाएगा.

यह है जीनोटाइप पौधे

किसी पौधे का जीनोटाइप उस पौधे का अनुवांशिक मेकअप है. यह उसकी भीतरी संरचना है.यह किसी एकल लक्षण और लक्षणों के संदर्भ में, किसी भी पौधे या पौधों के समूह का अनुवांशिक श्रृंगार में बदलाव है. यह सभी जीनों या किसी विशिष्ट जीन से संबंधित हो सकता है. जीनोटाइप जामुन के पौधे से जामुन जल्द ही आने लगेगें. इससे किसानों को काफी फायदा होगा.

English Summary: Now in this state, fruits of Jamun will be found within three years.
Published on: 16 July 2019, 04:35 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now