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Updated on: 30 November, 2023 3:17 PM IST
गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09' (Image Source: Pinterest)

Wheat Variety 'Narendra 09' : किसानों के द्वारा खेती में अधिक मुनाफा व पैदावार पाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा कई तरह की नई-नई उन्नत किस्मों को विकसित किया जाता है. लेकिन वहीं नैनीताल में रहने वाले एक किसान नरेंद्र मेहरा ने गेहूं की फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए एक बेहतरीन बीज को विकसित किया, जिसे भारत सरकार के द्वारा गेहूं की इस किस्म को नरेंद्र 09 नाम से पेटेंट कर दिया गया. बता दें कि गेहूं की इस किस्म में 90 से 95 बीज पाए जाते हैं. साथ ही इसकी सामान्य बाली 50-60 दाने देती हैं. गेहूं की यह किस्म पूरी तरह से जैविक है. इस किस्म के गेहूं में किसानों की लागत कम आती है और उत्पादन कई अधिक मिलती है.

गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09' को पहले किसानों के खेतों में परीक्षण के तौर पर बोया गया. इसके अच्छे परिणाम मिलने के बाद ही कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट के सहयोग से जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में इस किस्म को परीक्षण के तौर पर बोया गया. ऐसे में आइए गेहूं की नरेंद्र 09 किस्म के बारे में विस्तार से जानते हैं-

गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09 कहां बोई गई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09 को देश के विभिन्न राज्यों में सफलतापूर्वक बोया गया. गेहूं की इस किस्म को पहले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के विभिन्न जिलों के किसानों के द्वारा गेहूं की नरेंद्र 09 किस्मों को बोया गया. वहां के किसानों को गेहूं की इस किस्म से कम खर्च में अच्छी उपज प्राप्त हुई.

गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09 की खासियत

  • गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09 के कल्ले अन्य दूसरे गेहूं के मुकाबले अच्छे निकलते हुए होते हैं.

  • गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09 में किसानों पर बीज का लागत कम आती है.

  • 'नरेंद्र 09 किस्म के पौधे काफी मजबूत होते हैं. इसी कारण से इसपर तेज हवा और बारिश का कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिलता है.

  • गेहूं की इस उन्नत किस्म की फसल में बालियों में दाने काफी अच्छे मिलते हैं.

  • गेहूं की इस किस्म में सिर्फ चार सिंचाई ही लगती है. वहीं, गेहूं की अन्य किस्म के करीब 6 सिंचाई लगती है.

  • बारिश के मौसम में भी किसान इस किस्म के गेहूं से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

गेहूं की किस्म 'नरेंद्र 09 पर परीक्षण

उत्तराखंड के नैनीताल में रहने वाले प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा ने पहले अपने खेतों में गेहूं की आरआर-21 किस्मों को लगाया था. उन्होंने बताया कि एक दिन उन्हें अपने खेत में गेहूं की फसलों के बीच में एक अलग तरह का पौधा दिखाई दिया,  जिसकी बालियां गेहूं की अन्य फसलों से अलग थी. उन्होंने इसपर परीक्षण किया और गेहूं का एक बीज तैयार किया.

ये भी पढ़ें: किसानों के लिए बेहद उपयोगी हैं गेहूं की ये टॉप पांच उन्नत किस्में, पैदावार में सबसे आगे, जानें इनकी विशेषताएं

गेहूं की इस खास किस्म से अच्छा उत्पादन मिलने के बाद कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट के सहयोग से किसान नरेंद्र मेहरा के द्वारा तैयार किए गए गेहूं के बीज को जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में परीक्षण के लिए भेजा गया. जहां इसके अच्छे परिणाम मिलने के बाद इस किस्म को साढ़े चार साल के बाद सरकार के द्वारा 'नरेंद्र 09 का नाम दिया गया.

English Summary: narendra 09 wheat variety nainital progressive farmer narendra mehra of krishi vigyan kendra Uttarakhand
Published on: 30 November 2023, 03:22 PM IST

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