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Updated on: 19 December, 2024 12:46 PM IST
मल्चिंग विधि से करें टमाटर की खेती (Picture Credit - Shutter Stock)

Plastic Mulching In Tomato: टमाटर की खेती करने वाले किसान अकसर बदलते मौसम और जलवायु की चुनौतियों का सामना करते हैं. ऐसे में मल्चिंग तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. यह तकनीक न केवल मिट्टी की उर्वरता बनाए रखती है, बल्कि जल संरक्षण और खरपतवार नियंत्रण में भी मददगार है. मल्चिंग का मतलब मिट्टी की सतह को किसी जैविक या अजैविक सामग्री से ढंकना है. इसमें खेत में पौधों की जड़ों के आसपास गन्ने की खोई, भूसा, प्लास्टिक शीट या सूखी घास जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, मल्चिंग विधि से टमाटर की खेती करने के क्या फायदे है?

मल्चिंग से टमाटर की खेती के फायदे

जल संरक्षण:

मल्चिंग मिट्टी में नमी को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम हो जाती है.

खरपतवार नियंत्रण:

यह तकनीक खरपतवार की वृद्धि को रोकती है, जिससे फसलों को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं.

मिट्टी का तापमान संतुलन:

गर्मियों में मिट्टी को ठंडा और सर्दियों में गर्म बनाए रखने में मददगार होती है.

उर्वरता में सुधार:

जैविक मल्चिंग के उपयोग से मिट्टी में जैविक तत्व बढ़ते हैं, जिससे फसल बेहतर होती है.

उत्पादन में वृद्धि:

मच्लिंग विधि से खेती करने पर किसानों को टमाटर की पैदावार में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखने को मिल जाती है.

मल्चिंग तकनीक अपनाने के तरीके

खेत की जुताई के बाद मिट्टी को समतल करें और जैविक सामग्री (भूसा, गन्ने की खोई) या अजैविक (प्लास्टिक शीट) का उपयोग करें. टमाटर के पौधों को 45 से 60 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं. इसके अलावा, पौधों की जड़ों के आसपास मल्चिंग सामग्री अच्छे से फैलाएं. अगर आप प्लास्टिक शीट का उपयोग कर रहे हैं, तो इसमें पौधों के लिए छोटे-छोटे छेद करें. आपको सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का उपयोग करना है, जिससे नमी सीधे जड़ों तक पहुंच सकें.

लागत और मुनाफा

मल्चिंग तकनीक में शुरुआती लागत थोड़ी अधिक हो सकती है, खासकर प्लास्टिक मल्चिंग के लिए. लेकिन लंबे समय में उत्पादन बढ़ाने और पानी की बचत के जरिए मुनाफे में बढ़ोत्तरी हो सकती है. किसान मल्चिंग विधि से टमाटर की खेती करने पर प्रति हेक्टेयर से लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक अधिक आय अर्जित कर सकते हैं.

सावधानियां

  • जैविक मल्चिंग में उपयोग की गई सामग्री सड़ी-गली होनी चाहिए.
  • प्लास्टिक मल्चिंग के बाद उचित निस्तारण करें ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.
  • मिट्टी की उपयुक्तता और स्थानीय जलवायु के अनुसार सामग्री का चयन करें.
English Summary: mulching technique use tomato cultivation get excellent production in less time and cost
Published on: 19 December 2024, 12:50 PM IST

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