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Updated on: 18 November, 2020 6:41 PM IST

भारत की 70% जनता कृषि पर निर्भर है. ऐसे में हर किसान चाहता है कि वह ऐसी फसलों की खेती करे जिससे अच्छा मुनाफा हो और बिक्री का रिस्क भी कम हो. जो लोग खेती जैसे बेहतरीन विकल्प को चुनना चाहते हैं या फिर उत्तम फसल की खेती करना चाहते हैं, उनके लिए हम लेकर आए हैं कुछ ऐसी फसलों की जानकारी जो आपकी आमदनी को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं: तो चलिए बात करते हैं कुछ अत्यधिक लाभदायक और नकदी फसलों के बारे में, जिनकी खेती कर भारत के किसान भाई शानदार मुनाफा कमा रहे हैं:

चावल की खेती

चावल मुख्य रूप से खरीफ की फसल है. चावल भारतीय आबादी के आधे से अधिक लोगों का भोजन है. आमतौर पर भारत के खेती वाले क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा चावल की खेती से कवर होता है. चावल की उन्नत खेती लगभग सभी राज्यों में होती है. भारत में तीन मुख्य चावल उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, पंजाब और उत्तर प्रदेश हैं. चावल उगाने वाले अन्य राज्यों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, असम और महाराष्ट्र शामिल हैं.चीन के बाद भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत में विश्व के चावल उत्पादन का लगभग 20% हिस्सा है. यह देश में उगने वाली मुख्य फसल है. चावल पूरे देश में स्टेपल फूड के रूप में जाना जाता है. इसकी खेती लगभग हर राज्य में की जा सकती है.चावल की उन्नत खेती के लिए 100 सेंटीमीटर तक की भारी वर्षा वाले क्षेत्र उचित हैं जहां का तापमान 25° सेल्सियस तक का रहे. यह परंपरागत रूप से जल वाले चावल के धान के खेतों में विकसित किया जाता है.  पूर्वोत्तर के मैदान और तटीय क्षेत्र देश के प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्र हैं. 

गेहूं की खेती

चावल के बाद गेहूं भारत की दूसरी मुख्य फसल है. गेहूं रबी की फसल है. उत्तर और उत्तर-पश्चिमी भारत में गेहूं मुख्य भोजन माना जाता है. यह सर्दियों की फसल है और इसे कम तापमान की आवश्यकता होती है. गेहूं की खेती के लिए बुवाई के समय 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तापमान तो कटाई के समय 21-26 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत पड़ती है.गेहूं 100 सेमी से कम और 75 सेमी से अधिक वर्षा में अच्छी तरह से पनपता है. गेहूं की खेती के लिए सबसे उचित मिट्टी उपजाऊ दोमट और चिकनी मिट्टी है. सपाट क्षेत्र मुख्य रूप से  गेहूं के लिए उपयुक्त हैं. गेहूं की फसल अत्यधिक मशीनीकरण पर निर्भर है और इसमें श्रम की आवश्यकता नहीं होती.

मक्का की खेती

चावल और गेहूं के बाद, मक्का भारत में मुख्य रूप से महत्वपूर्ण अनाज की फसल है. यह भारत में कुल कृषि उपज का लगभग 10वां हिस्सा है. मक्का की खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के क्षेत्रों में होती है. इसमें 21 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान और 50 से 75 सेंटीमीटर के बीच वर्षा की उचित रहती है.

सरसों की खेती

सरसों 'क्रूसीफेरा' परिवार से संबंधित है और आमतौर पर भारत में खाना पकाने के लिए उपयोग किया जाता है. इसके अलावा, सरसों का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जो खाना पकाने के लिए इस्तमाल होता है. सरसों की फसलों की वृद्धि के लिए एक उपोष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है जो शुष्क और ठंडी जलवायु है. आमतौर पर सरसों उगाने के लिए 10 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान सहीं होता है.राजस्थान में सरसों का सबसे अधिक उत्पादन होता है. 

बांस की खेती

बांस का पौधा सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले भूनिर्माण (लैंडस्केप) पौधों में शुमार है. यह दुनिया में सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले पौधों में से एक है. यह एक दिन में 4 इंच तक बढ़ सकते हैं और आप 40 साल के लिए अपने बांस के जंगल से पैदावार हासिल कर सकते हैं. 

कैक्टस की खेती

कैक्टस का पौधा डेकोरेशन आइटम के रूप में सबसे अनुकूल और लोकप्रिय है. कैक्टस की खेती कर इसे बेचना एक लाभदायक और स्व-पुरस्कृत व्यवसाय है.

ज्वार की खेती

ज्वार भी भारत में मुख्य अन्न है. ज्वार की खेती के लिए आदर्श जलवायु गर्म और शुष्क होनी चाहिए और औसत वार्षिक वर्षा 45 सेमी होना जरूरी है.ऊपर दी गई शानदार लाभ देने वाली विभिन्न नकदी फसलों की खेती से आप अच्छे खासे मुनाफे को हासिल कर सकते हैं. इन फसलों के अलावा भी कुछ लाभदायक नकदी फसलें हैं जिनकी खेती कर आप बेहतरीन आमदनी कमा सकते हैं. उनके बारे में जान ने के लिए भाग 2 पढ़िएं.

English Summary: Most Profitable Crops: India's Most Profitable Cash Crops
Published on: 18 November 2020, 06:44 PM IST

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