किसान अब अपनी पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर अपने खेत में हाइब्रिड की खेती को अपना रहे है. खेती में नवाचार के तरीके को देश के किसान तेजी से अपना रहे हैं. आज के समय में इस तरीके से किसान हर महीने लाखों की कमाई कर रहे हैं. इसी को देखते हुए राजस्थान के उदयपुर संभाग के आयुक्त ने अपने सभी जिलों ने नवाचार करने की योजना बनाई थी.
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले के डीएम को अपने क्षेत्र में नवाचार की योजना तैयार कर उसे पेश करने को कहा था. इस योजना पर जिले के कई डीएम ने अपना भरपूर योगदान दिया. इसी क्रम में जिले के डीएम नीलाभ सक्सेना ने किसानों की फसल का एक खाका तैयार करते हुए उसे अपने जिले में लॉन्च किया. इसमें जिले के कम से कम 2 हजार से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया इसके अलावा सीताफल और आंवले की खेती के लिए लगभग 400 किसानों को शामिल किया जाएगा.
किसानों पर लगभग 4 हजार रूपए खर्च (About 4 thousand rupees spent on farmers)
जिले के डीएम ने किसानों को यह भी बताया की हाईब्रिड खेती के लिए हर एक किसानों पर लगभग 4 हजार रूपए खर्च किए जाएंगे और वहीं नरेगा. डीएमएफटी की तरफ से किसानों के लिए कम से कम 1 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. जिससे उन्हें इस खेती से और भी अधिक लाभ हो.
आपको बता दें कि नवाचार की इस योजना में कई तरह की फसलों को तैयार किया जाएगा और कृषि पैदावार को बढ़ाने के लिए भी इस योजना में कई बेहतर प्लान बनाया जाएगा. इस प्लान की सभी जानकारी कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने उदयपुर संभागीय आयुक्त के समक्ष रखा है.
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जिला कलेक्टर ने यह भी बताया कि किसानों को हाइब्रिड की खेती करने के लिए उद्यान विभाग की तरफ से प्रशिक्षण भी दिया जाता है. अगर किसी भी किसानों को इसकी खेती करने में परेशानी आती है, तो आप इनकी सहायता लें सकते है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहीं एक किसान अपने खेत में गेहूं व धान की खेती से लगभग 8 से 10 हजार रुपए कमाते है, लेकिन वहीं किसान हाइब्रिड की खेती से लगभग 50 हजार रुपए आसानी से कमा सकता है.
योजना के लाभ (Benefits of the plan)
- इसमें किसानों को खेती के 50दिनों के बाद से ही तीन माह तक लगातार आय दी जाएगी.
- इसे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
- नवाचार की खेतों को बढ़ावा देकर किसानों को लाभ दिलाना.
- इसे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
- इस खेती में कम लागत और अधिक मुनाफा होता है.