Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! केले की पूरी फसल बर्बाद कर सकते हैं वायरल रोग, जानें इनके लक्षण और प्रबंधन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 December, 2022 3:37 PM IST
किसानों के दुश्मन खरपतवार को खेत से हटाने की विधियां

किसानों के लिए खरपतवार सबसे बड़ी समस्या हैबीज जब पौधों का रुप ले लेते हैं, उसके बाद खेत में खरपतवार किसानों के लिए अड़चन बनकर उगने लगते हैं. क्योंकि पौधे के लिए डाला गया सारा पोषण खरपतवार ले लेते हैं, नतीजतन पौधों को कम पोषण मिलने से फसल उत्पादन में कमी आती है. 

इसलिए फसलों में खरपतवार को रोकने के लिए पहले से ही कदम उठा लेने चाहिए, यदि फिर भी किसानों के खेत में खरपतवार पनपता है तो उसके लिए निराई-गुड़ाई करनी चाहिए. किसानों को बुवाई के 20 से 25 दिनों के बाद खुपरी से पहली निराई कर लेनी चाहिए, ताकि खेत खरपतवार रहित हो जाए. अब किसानों की सुविधा के लिए कई कृषि यंत्र बनाएं गए हैं, जिनकी सहायता से बेहद कम वक्त व श्रम बल से खेत से खरपतवार का खात्मा कर सकते हैं.

खेतों से खरपतवार कैसे हटाएं

हाथ से खरपतवार निकालना

खेत से खरपतवार निकालने के लिए कई विधियां हैं, उनमें से एक है हाथ से खरपतवार निकालना. हाथ से खरपतवार निकालने की विधि तब अपनानी चाहिए, जब आपके खेत का क्षेत्र छोटा हो, तथा श्रम बल आपको कम कीमत पर उपलब्ध हो जाए.

गहरी जुताई द्वारा

इसके अलावा गर्मी के दिनों में खेतों में गहरी जुताई कर छोड़ देना चाहिए, जिससे खरपतवार के बीज आ जाते हैं और तेज धूप से बीजों को अंकुरण क्षमता खत्म हो जाती है और फसलों में खरपतवार की समस्या खत्म हो जाती है. यह विधि अपनाने से फसलों में कीटों व बीमारियों का प्रकोप भी कम हो जाता है. ध्यान रहें कि यह तकनीक वहां अपनानी चाहिए जहां पर गर्मी सीजन में फसल ऊगाई जाती है.

होइंग के द्वारा

किसानों की सुविधा के लिए अब हस्तचलित मशीनें भी आ गई हैं. जिससे किसानों का वक्त भी बचता है और श्रम बल भी कम होता है. इन मशीनों से खरपतवारों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. लेकिन यह विधि वहीं अपनाई जा सकती है, जहां पर फसलों को पंक्तियों पर बोया जाता हो. ट्वीन व्हील का उपयोग करने से पंक्तियों के बीच उगे खरपतवारों का खात्मा संभव है.  

यह भी पढ़ें: अनाज को घुन से कैसे बचाएं, जानें घरेलू उपाय, जो लंबे समय तक रखेगा घुन को दूर

उचित फसल चक्र अपनाकर

यदि एक ही फसल को बार- बार खेत में बोया जाता है, तो खरपतवारों का प्रकोप बढ़ जाता है. यानि आसान शब्दों में कहें तो एक ही खेत में बार-बार गेहूं बोने से मामा, चने के बोने से बथुआ का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ समय बाद इनकी संख्या इतनी अधिक हो जाती है कि उस खेत में चने की पैदावार की जगह खरपतवार ले लेते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि एक फसल को बार-बार एक ही खेत में ना बोए, उसकी जगह उचित फसल चक्र को अपनाना चाहिए.

English Summary: Methods to remove weeds from the field
Published on: 06 December 2022, 03:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now