आज हम अपने इस लेख में आपको राई की खेती के साथ-साथ राई की उन्नत किस्मों की जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, जिससे आप राई की फसल की पैदावार को बढ़ा सकते हैं एवं उससे अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.
दरअसल, किसी भी फसल की खेती करने के लिए जरुरी है यह जानना कि मिटटी की गुणवत्ता, उचित तापमान, फसल की खेती के लिए पानी कितना देना चाहिए, फसल की बुवाई किस समय और किस प्रकार करनी चाहिए. तो आइये आपको बताते हैं कि राई की खेती उचित जानकारी एवं उसकी उन्नत किस्मों के बारे में-
राई की खेती के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
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राई की खेती के लिए इसकी मिटटी दोमट, चिकनी, काली आदि सभी प्रकार की मिटटी अच्छी मानी जाती है.
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राई की खेती के लिए 20 सेल्सियस तापमान उचित माना जाता है.
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राई की खेती के लिए भूमि समतल होनी चाहिए, जिससे की पानी का भराव न हो.
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राई एक शीतोष्ण कटिबंधी पौधा है, इसलिए इसकी बुवाई ठण्ड के मौसम में की जाती है.
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राई की खेती के लिए सड़ी हुई कम्पोस्ट खाद उचित माना जाता है. वहीं बात करें उर्वरक की तो इसकी खेती के लिए 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 40 किलोग्राम पोटाश उचित होता है.
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राई की अच्छी उपज के लिए इसमें सिंचाई की प्रक्रिया पहले फसल के फुल आने से पूर्व करनी चाहिए. दूसरी सिंचाई की प्रक्रिया फसल के फलियों के बाद करनी चाहिए.
राई की उन्नत किस्में (Improved Varieties Of Mustard Seeds)
यहाँ आपको राई की उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती से आप अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं.
वरुण (Varun)
राई की यह किस्म 135 – 140 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसतन उपज 20 – 22 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है. राई की इस किस्म में 42% तेल निकलता है.
पूसा बोल्ड (Pusa Bold)
राई की यह किस्म 120 – 140 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसतन उपज 18 – 20 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है. राई की इस किस्म में 42% तेल निकलता है.
क्रांति (Kranti)
राई की यह किस्म 125 – 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसतन उपज 20 – 22 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है. राई की इस किस्म में 40 % तेल निकलता है.
राजेंद्र राई पिछेती (Rajndra Raye Picheti)
राई की यह किस्म 105 – 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसतन उपज 12 – 15 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है. राई की इस किस्म में 41% तेल निकलता है.
राजेंद्र अनुकूल (Rajendra Anukul)
राई की यह किस्म 105 – 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसतन उपज 10 – 13 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है. राई की इस किस्म में 40% तेल निकलता है.
राजेंद्र सुफलाम (Rajendra Suflam)
राई की यह किस्म 105 – 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की औसतन उपज 12 – 15 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है. राई की इस किस्म में 40% तेल निकलता है.