Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 7 September, 2019 2:42 PM IST

बिहार सरकार मौसम और मिट्टी की उत्पादकता को देखते हुए कुल 23 जिलों में खास खेती की योजना को हरी झंडी दे दी है. यहां के जिले रोहतास में टमाटर की खेती को फोकस किया गया है. साथ ही समस्तीपुर और अररिया में हरी मिर्च, पूर्वी चंपारण में लहसुन की खेती को बढ़ावा देगा.इसके अलावा यहां के शेखपुरा और बक्सर में प्याज, भोजपुर जिले में छिमी, नालंदा में आलू, वैशाली के इलामें शहद, भागलपुर, दरभंगा, पटना और सहरसा में आम की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. जबकि किशनगंज में अनानास, शाही लीची के लिए समस्तीपुर, मुजफ्परपुर, सीतामढ़ी और शिवहर को चुना गया है. वही कटिहार और खगड़िया में केले की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. गया में पपीता और कैमूर में अमरूद की खेती होगी.

किसानों की आमदनी बढ़ाने की कवायद

सरकार का फोकस राज्य के किसानों की आमदनी को बढ़ाने का है. इसके लिए वह हर तरह के संभव प्रयास कर रहे है. यहां के चयनित 23 जिलों में हर जिले की फसल मुख्य परंपरागत फसल से अलग है. कलस्टर के माध्यम से यहां पर खेती की जाएगी. कृषि विभाग ने इसके लिए पांच सालों के लिए बिहार राज्य उद्यानिकी उत्पाद  विकास कार्यक्रम बनाया है. यहां चालू वित्त वर्ष 2019-20 से साल 2023-24 तक के लिए बनी हुई इस योजना में 16 करोड़ 67 लाख से ज्यादा खर्च होंगे. इस योजना से बेरोजगार महिलाओं और पुरूषों को भी जोड़ा जाएगा. इसके कलस्टर में किसानों का एक समूह भी बनेगा और सारे समूह पंजीकृत भी होंगे.

उत्पादों की प्रोसेसिंग के लिए प्रशिक्षण

यहां पर समूह में किलानों को उत्पादों की प्रोसेसिंग और पैकिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. सभी कलस्टर में आवश्यक सुविधाओं से युक्त एक कॉमन फैसिलीटी सेंटर भी बनेगा. ताकि उत्पाद की मांग के अनुसार तैयार किया जा सके. समूह में खेती करने के साथ ही जूस, जैम, जैली, पाउडर आदि का भी तेजी से निर्माण होगा ताकि किसानों की ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो सके. उत्पाद को अधिक समय तक रखने के लिए हर समूह में सौर ऊर्जा से चलने वाला एक कोल्ड स्टोरेज चैंबर बनेगा. यहां के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार कहते है कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही समूह में खेती करने से लागत कम आएगी.

English Summary: Many districts of Bihar will grow different varieties of vegetables
Published on: 07 September 2019, 02:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now