Lobia ki Unnat Kheti: लोबिया एक नगदी फसल है, जिसकी खेती कर किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं. लोबिया की खेती से अच्छा उत्पादन पाने के लिए किसान को इसकी खेती फरवरी से अक्टूबर के महीने में करनी चाहिए. लोबिया की खेती/Cowpea Cultivation खासतौर पर मैदानी क्षेत्रों के किसानों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. लोबिया को अफ्रीकी मूल की फसल भी माना जाता है. लोबिया में प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा अच्छी पाई जाती है. ये ही नहीं बल्कि हरी खाद बनाने के लिए भी किसान लोबिया का इस्तेमाल करते हैं. इतने सारे गुण पाए जाने के चलते बाजार में हमेशा इसकी मांग बनी रहती है.
अगर आप हाल-फिलहाल में लोबिया की उन्नत खेती करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो कृषि विभाग की तरफ से लोबिया की खेती के लिए जरूरी सलाह जारी की गई है. ताकि किसान इसकी खेती से कम समय व कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सके.
लोबिया की उन्नत खेती के लिए कृषि विभाग ने जारी की सलाह
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लोबिया गर्म जलवायु और अर्ध शुष्क क्षेत्रों की फसल है, इसके अधिकतम उत्पादन के लिए दिन का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस उपयुक्त माना जाता है.
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इसकी खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मृदा का चयन किया जा सकता है, जिसका PH मान समान्य होना चाहिए.
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अंतिम जुताई के समय प्रति हैक्टेयर 50-10 टन सड़ी गोबर की खाद तथा बुआई के समय 15-20 किग्रा. नाइट्रोजन, 60 किग्रा. फॉस्फोरस और 50-60 किग्रा. पोटाश प्रति हैक्टेयर उपयोग करें.
लोबिया की खेती के लिए उन्नत किस्में
वैसे तो हमारे देश में लोबिया की खेती के लिए कई तरह की बेहतरीन किस्में है, लेकिन किसानों के बीच लोबिया की कुछ ही उन्नत किस्में काफी अधिक लोकप्रिय है. जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं. पंत लोबिया, लोबिया 263, अर्का गरिमा किस्म, लोबिया की पूसा बरसाती किस्म और लोबिया की पूसा ऋतुराज किस्म आदि. इसके अलावा किसानों को लोबिया की उन्नत किस्मों में पूसा धारनी, पूसा फाल्गुनी, पंत लोबिया-1 एवं 2, स्वर्ण हरित तथा काशी कंचन को शामिल किया जा सकता है.
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लोबिया के लिए बीज दर
लोबिया की खेती से अच्छी पैदावार पाने के लिए किसानों को इसकी बीज दर का भी विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए. लोबिया की खेती के लिए किसानों को खेत में प्रति हेक्टेयर पर 12 से 20 किग्रा बीज डालने चाहिए. ध्यान रहे कि खेत में लोबिया के बीज की मात्रा किस्म और मौसम पर निर्भर करते हैं.