भारत में लाल भिंडी की खेती करने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. इससे पहले इसकी खेती पश्चिमी देशों में ही की जाती थी. लाल भिंडी की खेती करने का रुझान किसानों में इसलिए भी बढ़ रहा है कि भिंडी की सामान्य किस्मों की तुलना में इसके भाव बाजार में अधिक मिलते हैं. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान लाल भिंडी की भारतीय किस्म भी विकसित कर ली है. जिसे काशी लालिमा नाम दिया गया है. इससे पहले भारत में यूरोपीय किस्मों की खेती होती थी. लेकिन वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के साइंटिस्टों ने 8 से 10 साल की मेहनत से इसे तैयार किया है.
लाल भिंडी के फायदे
लाल भिंडी कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें कैल्शियम और आयरन के अलावा एंटी ऑक्सीडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं. इन्हीं तत्वों के अधिकता के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है. दरअसल, प्रेग्नेंट महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी पूरी करता है. इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग का बेहतर विकास होता है. वहीं डायबिटीज और हार्ट मरीजों के लिए भी लाल भिंडी का सेवन फायदेमंद होता है. दरअसल यह इन बीमारियों को रोकने में सक्षम है. इसके अलावा भी इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं.
400 रुपये किलो बिकती है
लाल भिंडी औषधीय गुणों से भरपूर होने साथ आर्थिक रूप से भी मजबूती प्रदान कर सकती है. सामान्य भिंडी जहां 20 से 30 रुपये किलो ही बिकती है वहीं लाल भिंडी की कीमत 400 रुपये तक होती है. गोरखपुर में लाल भिंडी की जैविक खेती करने वाले अविनाश कुमार का कहना है कि साल में दो मर्तबा लाल भिंडी की खेती कर अच्छी कमाई की जा सकती है.
इसे फरवरी और मार्च के अलावा जून और जुलाई महीने में लगा सकते हैं. अविनाश का कहना है कि इसकी पैदावार काफी होती है. एक एकड़ से लाल भिंडी की 30 से 40 क्विंटल की पैदावार आसानी से ली जा सकती है.