ड्रिप-मल्चिंग तकनीक से हो रही उन्नत खेती, जानें क्या है यह विधि और किन फसलों के लिए है लाभदायक Indian Goat Breeds: भारतीय बकरी की नस्लें और उनकी अनूठी विशेषताएं ICAR IARI ने कई पदों पर निकाली भर्ती, बिना परीक्षा होगी सीधी भर्ती, वेतन 54,000 रुपये से अधिक, ऐसे करें अप्लाई Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 4 December, 2020 11:41 AM IST
बीज बोने की विधि जो देगी कम समय में अच्छा उत्पादन

बीजों की बुवाई समान्यतः दो विधि से की जाती है. एक छिड़काव विधि और दूसरी निश्चित दूरी पर पंक्ति से पंक्ति पर बीज बुवाई विधि. बीजों की बुवाई पौधे की बढ़वार, बीज का आकार, बीज की मिट्टी में गहराई आदि पर निर्भर करता है. बुआई की अन्य बहुत सी विधियां है, जो फसल के स्वभाव और मौजूद परिस्थितियों पर निर्भर करती है.

छिड़काव विधि (Broadcasting Method)

यह फसल बुआई की सबसे पुरानी विधि है. इसका फायदा यह है कि यह विधि आसान और कम समय वाली है. इस विधि में खेत को अच्छी तरह से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना दिया जाता है. उसके बाद हाथों से बीजों को खेत में छिड़का जाता है. इसके बाद हल्की जुताई कर बीजों को मिट्टी में मिलाकर पाटा चला दिया है.   

इस विधि के बहुत से फायदे और नुकसान है

इस विधि में अधिक बीज की आवश्यकता होती है.

जो बीज जमीन में निश्चित गहराई के नीचे चले जाते हैं उनका अंकुरण नहीं हो पाता. इसलिए ही अधिक बीज दर रखने की आवश्यकता पड़ती है.

बीजों को छिड़क कर बोने से बीजों का वितरण समान रूप से नहीं हो पाता है. कहीं कहीं कम और कहीं कहीं ज्यादा बीज गिर जाते हैं.

चूंकि फसल निश्चित दूरी पर नहीं होते अतः बहुत से कृषि कार्य जैसे निंदाई-गुड़ाई में नहीं हो पाती या बाधा होती है.

इस विधि का प्रयोग करने के लिए अच्छा अनुभव चाहिए अन्यथा बीज खेत में ढंग से नहीं फैलते है.

कतार विधि (Row to Row method)

यह विधि विभिन्न साधनों और कृषि यंत्रों जैसे- सीड ड्रिल, पैड़ी ड्रम सीडर, कल्टीवेटर आदि से की जाती है. छिड़काव विधि की जो भी दिक्कते आती है उनसे इस विधि से छुटकारा पाया जा सकता है. इस विधि में कतार से कतार की दूरी समान रखी जाती है जिसकी वजह से निराई-गुड़ाई आसानी होती है. इतना ही नहीं, इस विधि से खरपतवार भी कम पैदा होते है. यह विधि विभिन्न कृषि औजारों से की जाती है. गेहूं में जीरो टिलेज भी आजकल बहुत प्रचलित है. सीडड्रिल मशीन से निश्चित दूरी पर बीजों की बुवाई की जाती है.

डिबलिंग विधि (Dibbling Method)

इस विधि में तैयार खेत मे बीजों को एक एक कर के बोया जाता है. विषेशरूप से यह विधि उन फसलों के बीजों की बुवाई के लिए काम में आती जिनके बीज या बीज सामग्री बड़ी आकार की होती है, जैसे: आलू, कपास, मक्का, गन्ना आदि.

रोपाई विधि (Transplanting Method)

यह विधि नर्सरी में पहले से तैयार पौधों को मुख्य खेत में लगाने के लिए उपयोग की जाती है. नर्सरी में छिड़काव या कतार विधि अपनाकर बीजों को उगाया जाता है. यह विधि धान, मिर्च, गोभी वर्गीय, टमाटर, बैगन आदि सब्जी वाली फसलों में अपनाई आती है, क्योंकि ये फसले नाजुक होती है जिन्हे नर्सरी में देखभाल कर मुख्य खेत में लगाया जाता है. रोपाई विधि में फसल को निश्चित क्रम या दूरी पर लगाया जा सकता है. जो पौधे बीच में उग नहीं पाते या नष्ट हो जाते है, इस विधि से पूर्ति की जा सकती है.

ये भी पढ़ें: बीज खरीदने के लिए किसान भाई इन नंबर पर कॉल करें

ट्रेंच विधि (Trench method)

इस विधि में खेत तैयार करने के बाद ट्रेंच ओपनर की मदद से लगभग 1 फीट चौड़ी और लगभग 25-30 सेमी गहरी नाली बना लेते हैं. इसी ट्रेंच में खाद और उर्वरक मिलाकर बुवाई कर दी जाती है. यह विधि गन्ने में अपनाई जाती है.

ब्रोड बेड फैरो विधि (Broad Bed Furrow method)

यह विधि सोयाबीन में अधिक अपनाई जाती है. इस विधि में चौड़े बेड तैयार कर इनमें बुवाई कर दी जाता है. इस विधि का लाभ यह है की अधिक वर्षा की स्थिति में जल निकास अच्छा होता है. इसमे नालियों की मदद से पानी खेत से निकल जाता है जिससे फसल को रोग औक कीट भी कम लगते हैं, और अधिक पानी से फसल खराब भी नहीं होती. इस विधि में फसल की जड़ों में अधिक पानी पहुंच पाता है.

English Summary: Knowledge of different methods of sowing seeds
Published on: 04 December 2020, 11:49 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now