Success Story: चायवाला से उद्यमी बने अजय स्वामी, मासिक आमदनी 1.5 लाख रुपये तक, पढ़ें सफलता की कहानी ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान इन बातों का रखें ध्यान, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान! ICAR ने विकसित की पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की किस्म, 100 क्विंटल तक मिलेगी पैदावार IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 22 July, 2020 4:38 PM IST

खरीफ सीजन में कई किसान अपने खेतों में सोयाबीन की खेती करते हैं. अगर इसकी खेती में उन्नत किस्मों का चुनाव न किया जाए, तो इसका सीधा असर फसल की पैदवार पर पड़ता है. ऐसे में किसानों को अपने क्षेत्र की अनुकूलता के हिसाब से ही किस्मों का चुनाव करना चाहिए, ताकि फसल की पैदावार पर अनुकूल प्रभाव पड़े. आज हम इस लेख में क्षेत्र के अनुसार सोयाबीन की उन्नत किस्मों की जानकारी देने वाले हैं, इसलिए इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ते रहें, ताकि आप सोयाबीन की उन्नत खेती कर सकें.
स्थानीय क्षेत्र के अनुसार उन्नत किस्मों का चुनाव

  • उत्तरी पहाड़ी जैसे हिमालय और उत्तराखंड में शिलाजीत, पूसा- 16, वी एल सोया- 2, हरा सोया, पालम सोया, पंजाब- 1, पी एस- 1092, पी एस- 1347, वी एल एस- 59 और वी एल एस 63 आदि किस्म उपयुक्त रहती हैं.

ये भी पढ़े:Hydroponics Technology: इस तकनीक से बिना मिट्टी बंद कमरे उगा रहे इम्यूनिटी बूस्टर सब्जियां, जानिए तरीका?

  • उत्तर मैदानी क्षेत्र जैसे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार में पूसा- 16, पी एस- 564, एस एल- 295, एस एल- 525, पंजाब- 1, पी एस- 1024, पी एस- 1042, डी एस- 9712, पी एस- 1024, डी एस- 9814 और पी एस- 1241 आदि की बुवाई करनी चाहिए.

  • मध्य भारत जैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र में जे एस- 95-60, जे एस- 335, एन आर सी- 7, एन आर सी- 37, जे एस- 80-21 और समृद्धि आदि किस्मों की बुवाई करें.

  • दक्षिणी महाराष्ट्र, कर्नाटक, तामिलनाडु और आंध प्रदेश में एम ए सी एस- 24, पूजा, पी एस- 1029, के एच एस बी- 2, एल एस बी- 1, प्रतिकार, प्रसाद और फूले कल्याणी आदि क़िस्मों की बुवाई कर सकते हैं.

  • उत्तर पूर्वी क्षेत्र यानी बंगाल, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम और मेघालय में बिरसा सोयाबीन- 1, इंदिरा सोया- 9, प्रताप सोया- 9 और एम ए यू एस- 71 किस्म की बुवाई कर सकते हैं.

  • ये भी पढ़े:बैंगन की खेती के लिए इन उन्नत क़िस्मों की बुवाई करें
English Summary: Knowledge of advanced varieties of soybeans by region
Published on: 22 July 2020, 04:50 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now