Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 29 April, 2020 2:36 PM IST

नेनुआ एक लतादार सब्जी है, जिसकी खेती मुख्य रूप से नगदी फसल के रूप में होती है. इसका पौधा बेल के रूप में फैलता है, जिस पर पीले रंग के फूल आते हैं. इसके फलों का ज्यादातर उपयोग सब्जी बनाने में होता है. इस हरी सब्जी को खाने से शरीर में लौह तत्व की कमी पूरी होती है. बाजार में इन दिनों नेनुआ की मांग काफी बढ़ जाती है, इसलिए कई किसान इसकी खेती करने की तैयारियों में भी जुटे होंगे. किसान भाइयों को बता दें कि इसकी उन्नत खेती जितनी जलवायु, मिट्टी, बुवाई, सिंचाई, रोग प्रंबध आदि पर निर्भर होती है, साथ ही उन्नत किस्मों पर भी निर्भर होती है. आइए आपको नेनुआ की 4 प्रचलित किस्मों के बारे में बताते हैं.

नेनुआ की 4 प्रचलित किस्में

  • ज्योति

  • सौम्या

  • श्रेया

  • रक्षिता

नेनुआ की इन 4 किस्मों को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है. किसान बहुत कम लागत में इस किस्म की बुवाई कर सकते हैं. यह उन्हें अन्य किस्मों के मुकाबले लगभग 20 से 25 प्रतिशत अधिक उपज देगी. बता दें कि नेनुआ की रक्षिता और श्रेया किस्म राष्ट्रीय स्तर पर भी उपलब्ध है, तो वहीं सौम्या और ज्योति किस्मों से कई राज्यों के किसान खेती कर रहे हैं.

इन किस्मों की खासियत

इन किस्मों में किसी तरह की रोग लगने का खतरा बहुत कम होता है. यह प्रतिकूल परिस्थितियां सहन करने की अधिक क्षमता रखती हैं, इसलिए किसान को इसकी खेती में कीटनाशक की आवश्कयता भी नहीं पड़ती है. इसका रंग और आकार एक बराबर होता है. इसकी वजह से बाजार में इसका मूल्य बहुत अच्छा मिलता है.

किस्म से बीज तैयार करने की विधि

इसके नर और मादा फूल को शाम में ही रुई की पतली परत से ढक देना चाहिए. अगली सुबह नर के फूल को तोड़कर मादा फूल में फिर रुई से ढक दें. ध्यान दें कि इसमें मधुमक्खी न घुस पाए. इस तरह लगभग 50 दिन में नेनुआ तैयार हो जाएगा, जिसे सुखाकर बीज निकाल सकते हैं. इस तरह ही इन किस्मों का बीज तैयार किया जाता है.

नेनुआ की ये किस्में कम लागत में बोई जाने वाली हैं, इन प्रचलित किस्मों से अधिक गुणवत्तायुक्त सब्जी का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे किसानों की आमदनी भी बढ़ सकती है. बता दें कि इन किस्मों का अधिक मात्रा में बीज उत्पादन कर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा. किसान इन किस्मों को पाने के लिए स्थानीय कृषि विभाग या निजी कंपनी से संपर्क कर सकते हैं.  

ये खबर भी पढ़ें: लौकी की BRBG-65 किस्म देगी प्रति हेक्टेयर 540 क्विंटल पैदावार, जानिए इसकी खासियत

English Summary: Knowledge of advanced varieties of Nenua for farmers
Published on: 29 April 2020, 02:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now