आधुनिक भारत में मशीनों की महत्ता जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोगों के लिए काम कम पड़ने लगा है. पहले खेती हल और बैल से होती थी, लेकिन अब इसकी जगह ट्रैक्टर ने ले ली है, और इसी के साथ कई तरह के कृषि यंत्र भी बाजार में आए. इन्हीं में से एक यंत्र रोटावेटर है. रोटावेटर का इस्तेमाल गेहूं, गन्ना, मक्का जैसे फसल के अवशेष को हटाने के लिए किया जाता है. साथ ही रोटावेटर से जुताई करने पर खेत में मिट्टी बराबर बनी रहती है, कहीं भी ऊंच या नीच की समस्या नहीं आती है. इससे पानी निकलने में आसानी होती है. इतना ही नहीं, रोटावेटर गीले क्षेत्रों में भी आसानी और कुशलता से कार्य करने में सक्षम है. यह 125 मिमी से लेकर 1500 मिमी की गहराई तक की मिट्टी की जुताई के लिए उपयुक्त है. आज कई कंपनियां अलग-अलग प्रकार के रोटावेटर मशीनें तैयार कर रही हैं, जो किसानों का काम बहुत हद तक आसान बना देता है.
रोटावेटर का उपयोग
रोटावेटर एक मशीन है, जिसका उपयोग ट्रैक्टर के साथ किया जाता है. यह मशीन आसानी से किसी भी तरह की मिट्टी को तोड़कर उसे समतल बना देती है. साथ ही खरपतवार को खेत में ही मिलाने में सक्षम है. रोटावेटर से जुताई करने के बाद खेतों में पाटा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है.
रोटावेटर की कीमत
कई मशहूर कंपनियों के रोटावेटर बाजार में मौजूद है. इनमें शक्तिमान, सोनालिका, महिंद्रा, स्वैन, जग्गी, जॉन डेर, ऑक्स, मास्कीओ ,ओसमेष, आदि रोटावेटर शामिल हैं. अगर बात करें इनकी कीमत की, तो भारतीय बाजारों में इसकी कीमत 50 हजार से लेकर ढ़ाई लाख रुपए तक है.
सब्सिडी
भारत में अधिकतर राज्यों की सरकारें कृषि से जुड़े यंत्र खरीदने पर अनुदान देती है. बिहार में खेती से जुड़े यंत्र खरीदने पर 75 फीसदी तक का अनुदान राशि मिलती है. वहीं अगर अनुसूचित जाति, जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के किसान इन यंत्रों को खरीदेंगे, तो उनकी अनुदान की राशि में 5 फीसदी का इजाफा हो जाएगा.
यहां से खरीदें रोटावेटर
हमारे किसान भाई रोटावेटर को ट्रैक्टर डीलर के यहां जाकर खरीद सकते हैं. रोटावेटर की खरीदारी ऑनलाइन भी की जा सकती है. इसके लिए जिस कंपनी का रोटावेटर खरीदना है उसे उस कंपनी के वेबसाइट पर जाना होगा. उदाहरण के लिए Mahindra.com पर जाकर रोटावेटर खरीद सकते हैं.